मेरी हिंदी का चारों तरफ हो चलन, जिसके शब्दों से महके हमारा वतन…
हास्य और श्रृंगार रस के कवियों ने कैंब्रिज हाईस्कूल एंड कालेज में सजाई महफिल
काव्य संध्या में रचनाकारों ने हिंदी की दशा और दिशा पर भी किया प्रहार
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). हिंदी को समृद्ध करने के उद्देश्य से मनाए जा रहे हिंदी पखवाड़ा के तहत बुधवार को कैंब्रिज हाईस्कूल एंड इंटर कालेज (पंखा टोला) में काव्य संध्या समारोह 2022 का आयोजन किया गया। समारोह का शुभारंभ हास्य कवि बिहारीलाल अंबर समेत अन्य अतिथियों ने दीप जलाकर किया। इसके पश्चात मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की गई। विद्यालय के प्रबंधक संतोष त्रिपाठी ने हिंदी की दशा और दिशा पर प्रकाश डालते हुए सभी से हिंदी के दैनिक जीवन में प्रयोग पर बल दिया। कहा, हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग ही हिंदी को उसका स्थान दिला सकता है।
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इसके बाद मंच पर कवियों ने अपनी रचनाओं के जरिए हिंदी की दशा और दिशा पर प्रकाश डाला। शिवनरेश भारती ने अपनी रचना- तहसील, चौराहों और बस अड्डों पर जड़ी-बूटी बेचने वालों की बोली में अपनी बात कहकर लोगों को गुदगुदाने का प्रयास किया। शिवनरेश भारती ने अपनी अगली रचना में कहा- बेटियां कहीं भी रहें, मां-बाप से जुड़ी रहती हैं… के जरिए बेटियों की स्थिति पर प्रहार किया। दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों ने तालियों के जरिए शिवनरेश भारती का हौसला बढ़ाया।
इसके बाद बिहारीलाल अंबर ने अपनी रचना – मेरी हिंदी का चारों तरफ हो चलन, जिसके शब्दों से महके हमारा वतन…, सूरत, तुलसी, बिहारी, घनानंद हैं और मीरा, कबीरा के भी छंद हैं… के जरिए हिंदी को नई ऊंचाई प्रदान की। बिहारीलाल अंबर ने भी अपना रचना से हिंदी को समृद्ध करते हुए खूब तालियां बटोरी। गीतकार डा. पीयूष मिश्र ने अपनी रचना- न वो खंजर उठाते हैं, नहीं गोली चलाते हैं, असल इंसान की फितरत को वो पहचान लेते हैं…और मौन को स्वर मुखर दीजिए, हर गली-हर गली फूल में प्रेम का भाव भर दीजिए के जरिए लोगों को आयोजन से जोड़े रखा।
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श्रृंगार रस की कवियित्री डा. रंजीता समृद्धि ने अपनी रचना- जरा रुको मेरे हमदम, अगर आए हो दुनिया में, मोहब्बत कर दिखाना तुम, न जाना रूठ कर, वरना दिल टूट जाएगा और कथा अब राम की देखो, यहां रावण सुनाते हैं, सभी झूठे युधिष्ठिर का वंशज बताते हैं… के जरिए सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार किया। काव्यसंध्या में शिवशंकर शरारती, मोबस्सिर फूलपुरी, अजय प्रेमी और विपिन बिहारी त्रिपाठी ने अपनी रचनाएं पढ़ीं।
प्रबंधक संतोष त्रिपाठी ने सभी कवियों का माल्यार्पण कर स्वागत करते हुए आयोजन को सफल बनाने केलिए आभार व्यक्त किया। इस मौके पर सभासद सुधा गुप्ता, नरेंद्र गुप्ता, सुजीत केसरवानी, अनूप केसरवानी, टमाटर गुरू, हेमराज जादूगर, सौरभ प्रकाश, सुधीर कुमार नागरे और धर्मराज कुशवाहा आदि मौजूद रहे।