जुलूसे अलविदा में उस्मान अली का नौहा सुन खूब रोए अज़ादार
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). करेली थाना क्षेत्र के सैदपूर में अंजुमन क़मर ए बनी हाशिम की ओर से जुलूस ए अलविदा में मुल्क की मशहूर ओ मारुफ अंजुमनों ने अय्यामे अज़ा के अंतिम बचे दिनों में जमकर नौहा पढ़ा व मातम किया। काशाने सैय्यद ग़ुलाम हैदर मरहूम के अज़ाखाने पर.हुए मातमी कार्यक्रम में इरफान रिज़वी की मुनाजात से आग़ाज़ हुआ शहंशाह सोनवी ने सोज़ व सलाम पढ़ा। खतीब दांदूपूरी ने पेशख्वानी तो क़ुम ईरान के मौलाना राशिद हुसैन रिज़वी साहब क़िबला व डॉ सैय्यद रिज़वान हैदर रिज़वी ने जुलूस ए अलवेदा में दर्दनाक तक़रीर कर माहौल को संजीदा बना दिया। संचालन नजीब इलाहाबादी, वसीम अंबर और ज़ाहिद रज़ा ने संयुक्त रुप से किया।
अंजुमन मखदूमिया, अंजुमन असग़रिया क़दीम, अंजुमन अब्बासिया दांदूपुर, अंजुमन अब्बासिया अहले सुन्नत बड़ा गाँव कौशांबी, अंजुमन मोहाफिज़े अज़ा दरियाबाद, अंजुमन मज़लूमिया रानी मंडी, अंजुमन हाशिमया दरियाबाद, अंजुमन अब्बासिया रानी मंडी ने ग़मगीन नौहों के द्वारा करबला के शहीदों की याद ताज़ा करते हुए पुरसा पेश किया। ताबूत अलम ज़ुलजनाह अमारी आदि तबर्रुक़ात की ज़ियारत को शहर व आस पास के गांवों से भारी संख्या में अक़ीदतमंद जुटे।
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इमामबाड़़ा से देर रात निकला जुलूसः शाहगंज के शाहनूर अलीगंज में इमामबाड़ा स्व सैय्यद हातिफ हुसैन से ऐतिहासिक जुलूस ए अलवेदा या हुसैन अक़ीदत व ऐहतेराम के साथ निकाला गया। इमामबाड़े में ज़रखेज़ नजीब ने मजलिस को खिताब करते हुए ग़मगीन मसाएब पढ़े। अदीब रज़ा व हबीब रज़ा की क़यादत व नजीब इलाहाबादी के संचालन में एक-एक अंजुमनों ने इमामबाड़े में नौहा पढ़ते हुए जुलूस निकाला, जो इमामबाड़़ा असद रज़ा बेग देर रात पहुंचा। वहीं पर अंजुमनों ने अलवेदाई नौहा पढ़ा। जुलूस में अंजुमन मज़लूमिया, शब्बीरिया, हुसैनिया, हाशिमया, नक़विया, अब्बासिया व अंजुमन गुंचा-ए-क़ासिमया ने शिरकत की।
दायरा शाह अजमल में हुई मजलिसः शायरे अहलेबैत मोअज्जम पाशा के अज़ाखाने पर भी अंजुमन ने वापसी में नौहा पढ़ा। जुलूस से पहले दायरा शाह अजमल में स्व नूह रिज़वी के आवास पर सालाना मजलिस हुई। फैज़ान आब्दी ने मर्सिया तो कुमैल व असद ने पेशख्वानी की। मौलाना अख्तर हसन रिज़वी साहब क़िबला ने मजलिस को खिताब किया। अंजुमन गुंचा-एक क़ासिमया ने नौहों और मातम का नज़राना पेश किया। फैज़ी तंजानिया ने दूर देश अफ्रीका से मातमी लोगों का लाइव देखने के बाद शुक्रिया अदा किया। शहंशाह फतेहपुरी ने तबर्रुक़ात तक़सीम किए।
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यमुना नदी में सैराए ताज़िए व फूलः दायरा शाह अजमल में इमामबाड़ा अब्बन साहब मरहूम के अज़ाखाने में रखे ताज़िये व फूलों को पुरानी रवाएत के मुताबिक़ इमामबाड़़े की चौथी पीढ़ी के मौजूदा सरपरस्त अस्करी अब्बास के साथ नौहों और अलवेदाई मातम के बीच ताज़िये व फूलों को यमुना नदी की बीच धारा में नाव से जाकर सैराया गया। काले कपड़े पहने अज़ादार आँखों में अश्कों का नज़राना पेश करते हुए रोते रहे।