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जाली मुहर बनवाई, दफ्तर सजाया और खुल गया बैंकः 17 करोड़ का टर्नओवर करने वाले दो जालसाज गिरफ्तार

साइबर सेल, क्राइम ब्रांच और ज्ञानपुर थाने की संयुक्त पुलिस टीम को मिली बड़ी कामयाबी

तीन कार, लैपटाप, नगदी, रजिस्टर, पासबुक, बैंक के जमा व निकासी संबंधी कागजात बरामद

भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी). पुलिस की संयुक्त टीमों ने दो ऐसे जालसाजों को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी बैंक का मैनेजिंग डायरेक्टर बनकर लोगों को चूना लगा रहे थे। इनके कब्जे से तीन कार, नगदी, लैपटाप, बैंक में लगने वाले जरूरी कागजात, जाली मुहर, रजिस्टर बरामद हुआ है। पुलिस के मुताबिक कुल 67 लाख रुपये की बरामदगी हुई है। यह गिरोह भोले-भाले लोगों को कम समय में पैसे को दोगुना करने का लालच देकर पैसा जमा कराते थे और लोन भी देते थे और कायदे की वसूली होजाने के बाद दुकान बंद कर नये स्थान पर तथाकथित बैंक खोलकर वसूली शुरू कर देते थे।

एसपी डा. अनिल कुमार ने बताया कि उक्त फर्जी बैंक के द्वारा की जा रही धोखाधड़ी की शिकायतें लगातार आ रही थीं। इस फर्जी बैंक के द्वारा भदोही समेत वाराणसी, जौनपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर, आजमगढ़ व गाजीपुर में कुल 38 शाखाएं खोल रखी थी। इतना ही नहीं इस बैंक का टर्नओवर 17 करोड़ रुपये पहुंच गया था। कब्जे से दो पासपोर्ट भी बरामद हुआ था। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि मोटी रकम एकत्र करने के बाद यह दोनों विदेश भागने की फिराक में थे।

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फर्जी बैंक संचालन के संबंध में मिल रही शिकायतों को गंभीरता सेलेते हुए इसकी जांच शुरू की गई। साइबर सेल, क्राइम ब्रांच और थाना ज्ञानपुर की संयुक्त टीम द्वारा 19 मई, 2023 को बिना स्वीकृति प्रमाणपत्र बीएसएमजे क्वासी बैंक/निधि के नाम से फर्जी बैंक चलाने का खुलासा करते हुए दो मैनेजिंग डायरेक्टर को गिरफ्तार किया है।

इनके कब्जे और निशानदेही पर तीन कार, तीन लैपटाप, तीन मोबाइल 36,000 रुपये नगद, नौ सीपीयू, 12 मानीटर, छह माउस, कीबोर्ड, अलग-अलग कार्यों के लिए 53 मुहर, 70 रजिस्टर, 618 पासबुक केअलावा विभिन्न प्रकार की रसीद व पर्ची के बंडल बरामद हुए हैं। बरामदगी की कुल अनुमानित कीमत लगभग 67 लाख, 25 हजार आंकी गई है।

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विश्वास बनाए रखने के लिए दिया जाता था लोनः पूछताछ में पता चला कि उक्त बैंक के संबंधित वाराणसी, जौनपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर, आजमगढ़ व गाजीपुर में 38 शाखाओं का संचालन किया जा रहा था। इसमें कम पढ़े-लखे लोगों को झांसे में लेकर ठगे जाने का कार्य जारी था। अपना विश्वास बनाए रखने केलिए गिरोह के द्वारा लोगों को लोन भी दिया जाता था। पुलिस ने गिरफ्त में आए फर्जी मैनेजिंग डायरेक्टर मुरारी कुमार निषाद निषाद (हरिहरपुर, चंदवक, जौनपुर) और अशोक कुमार पुत्र पंचम लाल (चूड़ी गली, ओबरा, सोनभद्र) को उनकी सही जगह पहुंचा दिया है।

पुलिस टीम को 50 हजार रुपये का इनामः इस पूरे आपरेशन में साइबर सेल के प्रभारी सुशील त्रिपाठी, प्रभारी हेड कांस्टेबल राधेश्याम कुशवाहा, राघवेंद्र, अंकित त्रिपाठी, ज्ञानपुर के प्रभारी निरीक्षक अश्वनी कुमार त्रिपाठी, अरुण कुमार, जीतेंद्र कुमार, चंद्रकला यादव, चालक विनोद यादव, वरिष्ठ उप निरीक्षक मदनलाल, एसआई विजय शंकर तिवारी, महेंद्र पटेल, जंगीगंज चौकी प्रभारी मोहम्मद शाबान चौकी के अलावा स्वाट टीम शामिल रही। डीआईजी विंध्याचल ने पुलिस टीम को 25 हजार और एसपी भदोही ने 25 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।

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