Jyoti Maurya Case: SDM ज्योति नहीं हुईं पेश, अब 18 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
पति आलोक मौर्य ने पारिवारिक कोर्ट पहुंच मांगी मुकदमे की कापी
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). सफाई कर्मी पति आलोक मौर्य और एसडीएम पत्नी ज्योति मौर्या का मामला इन दिनों सुखिर्यों में है। दो बच्चों की मां होने के बावजूद दूसरे के फेर में पड़ीं एसडीएम ज्योति मौर्य अब पारिवारिक न्यायालय तक पहुंच गई हैं। SDM Jyoti Maurya के द्वारा पारिवारिक अदालत में दायर किए गए मुकदमे की मंगलवार को सुनवाई थी, लेकिन ज्योति मौर्या ही कोर्ट में पेश नहीं हुईं। जबकि विपक्षी के रूप में पति आलोक मौर्य अपने वकील के साथ अदालत पहुंचे और पत्नी के द्वारा दायर किए गए मुकदमे की कापी मांगी।
प्रमुख न्यायाधीश ने आलोक के प्रार्थनापत्र के आधार पर पेशकार को मुकदमे की प्रति उपलब्ध कराने का आदेश दिया। दूसरी तरफ ज्योति मौर्या के अधिवक्ता की तरफ से एक प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया, जिसमें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की छूट की मांग की गई। न्यायालय ने इस मांग को स्वीकार करते हुए अगली तारीख तय कर दी है। अब मामले की सुनवाई 18 अगस्त को होगी।
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आलोक मौर्य और ज्योति मौर्या का विवाह साल 2010 में हुआ था। शादी के बाद ज्योति मौर्या ने पढ़ाई जारी रखी और 2015 में यूपीपीएससी में एसडीएम के पद पर चयन हो गया। ज्योति मौर्या ने एसडीएम के पद पर 16वीं रैंक हासिल की थी। मौजूदा समय में ज्योति मौर्या बरेली चीनी मिल में जीएम के पद पर तैनात हैं। जबकि पति आलोक कुमार मौर्य ग्राम पंचायत विभाग (प्रतापगढ़ जिले में) चपरासी के पद पर कार्यरत हैं।
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बताते चलें कि महोबा के होमगार्ड जिला कामांडेंट मनीष दुबे के प्यार के चक्कर में अपने पति से अलग होने के लिए पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या अलग होने के लिए यह वाद दाखिल किया है। यह मामला पिछले कई दिनों से सुर्खियों में है।
दूसरी तरफ महोबा के होमगार्ड जिला कमांडेंट मनीष दुबे विभागीय जांच में दोषी पाए गए हैं। जांच के बाद मनीष दुबे के निलंबन की संस्तुति की गई है। DIG होमगार्ड संतोष सिंह ने अपनी जांच रिपोर्ट DG होमगार्ड बीके मौर्य को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट में जिला कमांडेंट मनीष दुबे के इस तरह के तीन मामलों का जिक्र करते हुए विभाग की छवि धूमिल करने का दोषी पाया गया है। इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर मनीष दुबे के निलंबन की सिफारिश की गई है।