सिक्किम में बाढ़ः सेना के जवानों समेत 56 लोगों की मौत, 27 हजार लोग प्रभावित
The live ink desk. बीते बुधवार को तड़के ल्होनक झील में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ से बिगड़े हालात पर काबू पाने का प्रयास निरंतर जारी है। इस सैलाब ने पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। इससे 27 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और 1200 से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और 15 पुल सहित अनेक सड़कें बह गई हैं।
राहत-बचाव कार्य में लगी टीमों के द्वारा अब तक राज्य के विभिन्न इलाकों से 2500 से ज्यादा लोगों को बचाया गया है। राज्य के 25 अस्थाई राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिसमें 7000 से ज्यादा लोगों को शरण दी गई है। मालूम हो कि सिक्किम में शनिवार तक मरने वालों की संख्या 56 पहुंच गई है। पश्चिम बंगाल से तीस्ता नदी में 30 डेडबॉडी बरामद हुई है। वहीं सिक्किम में भी अलग-अलग स्थानों से 26 लोगों के शव बरामद किए गए हैं।
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राज्य में सेना के जवानों समेत 142 लोगों के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने अब तक आधिकारिक तौर पर 26 मौतों की पुष्टि की है, जिसमें मंगन जिले से चार शव, राजधानी गंगटोक छह और पाक्योंग जिले से सात शव बरामद किए गए हैं। इस बारे में पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कहा गया है कि तीस्ता नदी के बेसिन में तीन जिलों जलपाईगुड़ी, कूचबिहार और सिलीगुड़ी से 30 शव बरामद किए गए हैं।
दूसरी तरफ रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इस बाढ़ में गोला बारूद समेत कई सैन्य उपकरण बह गए हैं। सेना ने तीस्ता नदी के निचले हिस्से में लुक आउट टीम स्थापित की है। इस मामले में सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने मृतक परिवारों के लिए ₹400000 की सहायता राशि और शिविरों में शरण लेने वाले सभी लोगों के लिए ₹2000 की तत्काल राहत देने की घोषणा की है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष एसडीआरएफ के केंद्रीय हिस्से से 44.8 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि देने की घोषणा की है और एक टीम राज्य में नुकसान का आकलन करने के लिए भेजी गई है। अभी भी राज्य के कई हिस्सों में पर्यटक फंसे हुए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार लगभग 3000 सैलानी उत्तरी सिक्के में फंसे हुए हैं। इन सैलानियों को वायुसेना बाहर निकलने में कामयाब नहीं हुई है।