अवधताज़ा खबरराज्य

कलेजे के टुकड़ों का निर्जीव शरीर देख फटा कलेजा, बीरबल में चक्काजाम की कोशिश

लालगंज कोतवाली क्षेत्र के पूरे बीरबल में पानी सेभरे गड्ढे में डूबकर सगे भाइयों की हो गई थी मौत

प्रतापगढ़ (हरिश्चंद्र यादव). पोस्टमार्टम हाउस से जैसे ही सगे भाइयों का शव घर पहुंचा, कोहराम मच गया। कलेजे के टुकड़ों का निर्जीव शरीर देख परिजनों का कलेजा फट गया। मां का रो-रोकर बुरा हाल है। इस घटना से नाराज लोगों ने गुरुवार को सुबह डेरवा-जलेसरगंज मार्ग पर जाम लगाने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस ने समझा-बुझाकर मामले को शांत करा दिया। इसके पश्चात पुलिस बल की मौजूदगी में दोनों बच्चों का शव घटनास्थल के बगल ही दफन कर दिया गया।

यह मामला है लालगंज कोतवाली क्षेत्र के पूरे बीरबल के मजरा बेनी का पुरवा का। बेनी का पुरवा निवासी देवराज यादव का बेटा अनुज (15) और अमन (8) बुधवार को गांव के समीप खेत की तरफ गए थे। जहां बरसात की वजह से एक गड्ढा, जो पानी से भरा था,उसी में छोटे भाई अमन का पैर फिसला, वह पानी में चला गया तो उसे बचाने के लिए बड़ा भाई अनुज भी बचाने की कोशिश में गहरे पानी में चला गया।

दोनों को पानी में डूबता देख साथ रहा एक अन्य बालक भागते हुए घर पहुंचा और इसकी जानकारी परिजनों को दी। जब तक परिजन मौके पर पहुंचकर अनुज और अमन को पानी सेबाहर निकालते, काफी देर होचुकी थी। सूचना पर मुकामी पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों के शवों को चीरघर भेजा।

बुधवार की ही देर शाम लगभग आठ बजे पीएम हाउस से दोनों का शव घर लाया गया। जलनिकासी का इंतजाम न होने के कारण नाराज लोगों ने चक्काजाम की भी कोशिश की,लेकिन लालगंज प्रभारी निरीक्षक नीरज यादव ने परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया।

इसके उपरांत दोनों के बच्चों का शव गड्ढे के पास ही दफन करदिया गया। सगे भाइयों की मौत से पूरे परिवार में मातम पसरा हुआ है। शोक संवेदना व्यक्त करने वालों की कतार लगी हुई है।

ग्राम प्रधान ने बेच दी चारागाह की जमीन

ग्रामीणों का कहना है कि जिस स्थान पर गड्डा बना है, वह चारागाह की जमीन है, लेकिन ग्राम प्रधान और सचिव की मिलीभगत से चारागाह से लाखों रुपये की मिट्टी बेच दी गई। 15 फीट गहराई में खुदाई करदिए जाने के कारण मौकेपर जानलेवा गड्ढा बन गया है, जिसमें इस समयबरसाती पानी भरा हुआ है। लोगों में ग्राम प्रधान के रवैए को लेकर भी खासा रोष देखने को मिला। स्थानीय लोगों की मांग की है उस स्थल पर कोई बाउंड्री या घेरा बना दिया जाए, ताकि इस तरह की घटना फिर से न होने पाए।

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