मुफलिसी में परिवार नहीं करवा पा रहा था प्रापर ट्रीटमेंट
प्रयागराज (राहुल सिंह). आप में से बहुतों ने गर्भवती महिलाओं को तो देखा ही होगा, जिनका पेट बहुत निकला होता है। इतना पेट तब निकलता है जब गर्भस्थ शिशु का वजन अधिकतम 4-5 किलो होता है। लेकिन कल्पना करिए, जिस महिला के पेट में पांच-दस नहीं, पूरे 21 किलो सिस्ट (अतिरिक्त बढ़ा हुआ मांस) हो, उसका पेट कितना निकला होगा।
आम आदमी, इसकी कल्पना मात्र से सिहर उठता है। खैर, 21 किलो का ओवेरियन सिस्ट (ovarian cyst) लेकर धनराजी देवी (55) पत्नी हरिलाल जीवन-मृत्यु से संघर्ष कर रही थीं। लंबे समय तक उन्होंने इधर-उधर इलाज करवाया। फायदा रत्तीभर नहीं हुआ। उठने-बैठने और चलने-फिरने में समस्या होने लगी तो परिजन धनराजी देवी को लेकर अस्पतालों का चक्कर लगाने लगे।
हरिलाल का कहना है कि बहुत जगह दिखाने पर डाक्टरों ने आपरेशन उपाय बताया, लेकिन स्थिति क्रिटिकल देख आपरेशन से ही हाथ खड़ा कर दिया।
अंत में थकहार कर हरिलाल अपनी पत्नी कोलेकर जीवनरेखा मेडिकेयर हास्पिटल, कोरांव पहुंचे, जहां डा. अनिल पांडेय ने धनराजी देवी की जांच की और आपरेशन के लिए परिजनों को तैयार किया।
डा. अनिल पांडेय ने बताया कि इलाज से पूर्व सीटी स्कैन किया गया, जिसमें बड़े आकार के सिस्ट (ovarian cyst) का पता चला और इसका उपचार आपरेशन ही था। डा. अनिल पांडेय कहते हैं कि उन्हें यह तो अंदाजा था कि सिस्ट काफी बड़ा है, लेकिन 21 किलो का होगा, इसका तनिक भी आभास नहीं था।
डा. पांडेय ने बताया कि आपरेशन के पश्चात धनराजी देवी स्वस्थ हैं और कुछ ही दिनों में वह सामान्य जीवन जीने लगेंगी। इतने बड़े सिस्ट के बारे में कहा कि यह रेयर है। हजारों मामलों में इस तरहका एक मामला सामने आता है। सामान्यता यह हार्मोनल डिस्बैलेंस होने के कारण होता है। इस तरह के मामलों में आपरेशन के दौरान जोखिम भी काफी ज्यादा होता है।
क्या होता है कि ओवेरियन सिस्ट
सिस्ट एक प्रकार से मांस का अतिरिक्त भाग होता है, जो शरीर के किसी के किसी अंग में पनप जाता है। ओवेरियन सिस्ट (ovarian cyst) अंडाशय में तरल से भरी एक थैली होती है। इसे अंडाशय की गांठ भी कहते हैं। डा. अनिल पांडेय ने बताया कि महिलाओं में दो अंडाशय होते हैं, जो गर्भाशय के दोनों तरफ़ होते हैं. ओवेरियन सिस्ट इन्ही में से किसी एक या दोनों में हो सकता है।
यह पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) का संकेत हो सकता है। ओवेरियन सिस्ट की वजहसे महिलाओं को कई प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं। अनियमित मासिक चक्र, मोटापा, बांझपन जैसी दिक्कतें भी सामने आ जाती हैं।