सिखाने और पढ़ाने का बेहतरीन माध्यम है टीएलएमः शैलपति यादव
शंकरगढ़ में आयोजित टीएलएम में 146 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने किया प्रतिभाग
ब्लाक संसाधन केंद्र में 22 दिसंबर से चल रहे आयोजन का आज किया गया समापन
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). टीएलएम (टीचिंग लर्निंग मैटेरियल) बच्चों को सिखाने, कंठस्थ कराने का बेहतरीन जरिया है। इसका उपयोग करके बच्चों को आसानी से किसी भी चीज, विषयवस्तु को समझाई जा सकती है। यह बातें बीईओ शैलपति यादव ने तीन दिवसीय टीएलएम वर्कशाप के समापन मौके पर कही।
बीएसए के निर्देशन में बीआरसी शंकरगढ़ में आयोजित तीन दिवसीय टीएलएम वर्कशाप का शनिवार को समापन किया गया। अंतिम दिन बीईओ ने टीएलएम कार्य़शाला की उपयोगिता पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने शिक्षकों के द्वारा बनाए गए टीचिंग लर्निंग मैटेरियल का अवलोकन किया और उनका उपयोग बच्चों को शिक्षित करने में करने केलिए निर्देशित किया। उन्होंने शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की।
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टीएलएम निर्माण कार्यशाला में विकास खंड शंकरगढ़ के प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया। 22 दिसंबर से शुरू हुई वर्कशाप में बच्चों को ध्वनि पहचानने, याददाश्त बढ़ाने, कुर्र खेल (चिड़िया उड़), ताली या संख्या के साथ निर्देश का खेल का प्रस्तुतीकरम किया गया।
टीएलएम निर्माण में स्टोरी कार्ड, आकार गतिविधि, लोगोग्राफिक, भाषा बोर्ड का निर्माण, संख्या कार्ड, दूर एवं पास के चित्र का कार्ड, पैटर्न शेप कार्ड आदि का निर्माण कर दिखाया गया। कार्यशाला का संचालन नोडल शिक्षकों द्वारा किया गया।
इस मौके पर नीलम सिंह, शालिनी पांडेय, अभिषेक आर्या, अनुराधा सिंह, विजय सिंह, मनीष संह, प्रवीण यादव, धर्मेंद्र शर्मा, सुधा राय, मनोज कुमार केसरवानी, एआरपी अमित कुमार सिंह, विजय कुमार सिंह, संदीप कुमार समेत तमाम शिक्षकगण मौजूद रहे।