योगेश्वर की बाल लीला देखने को देवता भी रहे लालायितः डा.रामकृपाल
भदोही (संजय मिश्र). डीघ ब्लाक के भीखीपुर गांव में चल रही संगीतमय भागवत कथा के तीसरे दिन श्रीधाम वृंदावन से पधारे डा. रामकृपाल त्रिपाठी योगेश्वर श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का बड़े ही मनमोहक ढंग से वर्णन किया। डा. त्रिपाठी ने माखन चोरी का वर्णन करते हुए नटखट कान्हा के मुख पर लगे माखन, अधरों पर लगे दुग्ध बिंदुओं का ऐसा मनोहारी रूप प्रस्तुत किया, जिसे सुन श्रोता कथा रस में डूब गये।
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महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को अपनी आंखों से देखने के लिए देवता भी मानव रूप में आए और ब्रह्मानंद की प्राप्ति की। यहां तक कि भगवान शिव और ब्रह्मदेव पर्यंत देव भी भगवान नारायण की बाल लीला से अपने को वंचित न कर सके। इस अवसर पर कथा श्रवण करने वालों में प्रमुख रूप से भाजपा राष्ट्रीय परिषद सदस्य एवं पूर्व सांसद भदोही पंडित गोरखनाथ पांडेय, राहुल दुबे, डा. महेंद्र मिश्र, भूलन प्रसाद मिश्र, भोलानाथ तिवारी, राम उजागिर उपाध्याय, रवींद्र, संदीप, प्रियंवदा, अनीता, विद्या, कंचन, ऊषा समेत बड़ी संख्या में श्रोतागण मौजूद रहे।