बिजली कर्मियों की हड़ताल का असरः सेविंग मोड में मोबाइल फोन और इन्वर्टर की बैट्री
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). दिन-रात मोबाइल फोन और बिजली के आदी हो चुके लोगों को आज का दिन बहुत अखर रहा है। विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति द्वारा 16 मार्च की रात दस बजे से शुरू की गई 72 घंटे की हड़ताल (electricity workers strike) के पहले 24 घंटे में ही व्यापक असर दिखना शुरू हो गया है। हालांकि जिला प्रशासन ने वैकल्पिक इंतजाम तो किया है, लेकिन लाइनमैन के स्थान पर जिन्हे जिम्मेदारी दी गई है, वह बिजली व्यवस्था की एबीसीडी भी नहीं जानते। इसका असर यह हुआ कि लगभग आधा जिला बिजली संकट से जूझने लगा है।
जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने दोपहर बिजली विभाग के अधिकारियों और सेवाप्रदाता ठेकेदारों के साथ बैठक कर लाइनमैन का पर्याप्त इंतजाम करने का निर्देश दिया है, लेकिन इस इंतजाम के पूर्ण होने तक जनपदवासी बिना बिजली के बिलबिलाते रहेंगे।
हड़ताल की जानकारी पहले से होने के कारण बहुत से लोगों ने आज मोबाइल का काफी कम प्रयोग किया। हालांकि, आज के दौर में चाहे खेत में काम करने वाला हो या फिर नौकरी-पेशा वाले लोग, मोबाइल से दूरी बनाना काफी मुश्किल होता है, बावजूद इसके लोगों ने स्मार्ट फोन के स्पेशल फीचर बैट्री सेविंग मोड को सक्रिय कर दिया है, ताकि मोबाइल में अधिक समय तक फोन आने और जाने की सुविधा बनी रहे।
कमोवेश यही स्थिति घरों में लगे इन्वर्टर की है। जिन-जिन क्षेत्रों में आज दिन में बिजली गुल रही, वहां के लोगों ने अपना इन्वर्टर ही स्विच आफ कर दिया, ताकि रात के वक्त रोशनी मिल सके। हालांकि इस दौरान पानी के लिए लोगों का भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पुराने शहर के कई क्षेत्रों में बिजली सुबह से ही नहीं आई है। जनपद के लगभग आधे विद्युत उपकेंद्र से सप्लाई ठप है, इनसे सैकड़ों गांवों जुड़े हुए हैं। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन बिजली बहाल करवा पाने में कितना सफल रहता है।
यमुनापार के घूरपुर, जसरा, लालापुर, बारा व शंकरगढ़ क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बिजली गुल है। बिजली नहीं मिलने के साथ लोग पेयजल के लिए परेशान हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि शंकरगढ़ क्षेत्र के ग्राम कपारी, अभयपुर, बंधवा, बेमरा, जिल्ला, आमगोंदर, नौढिया उपहार समेत तमाम ग्रामों में विद्युत व्यवस्था बीते दो दिनों से प्रभावित है।
वहीं नगर पंचायत शंकरगढ़ की व्यवस्था सुचारू रूप से कायम रहे, इसके लिए शंकरगढ़ थाना से कांस्टेबल मोहम्मद हाशिम और उग्रसेन को विद्युत सबस्टेशन में तैनात किया गया है, ताकि किसी भी सूरत में विद्युत आपूर्ति को बाधित न किया जा सके।