अवध

इस बार शंकरगढ़ में नहीं दिखी रौनकः ऐतिहासिक मेले के तीसरे दिन उमड़ी भीड़

प्रयागराज. शारदीय नवरात्र के दशहरा पर लगने वाला तीन दिवसीय शंकरगढ़ का मेला इस बार सन्नाटे में गुजर गया। बीते वर्षों की अपेक्षा इस बार मेले को लेकर कस्बावासियों में भी कोई उत्साह नहीं दिखा। कस्बे में न तो रोशनी की गई और न ही किसी प्रकार का आयोजन। मेले का पहला दिन सन्नाटे में गया तो दूसरे दिन जब ग्रामीणांचल के लोग मेला देखने पहुंचे तो थोड़ी बहुत रौनक आई। आज, गुरुवार को तीसरे दिन ठीकठाक भीड़ देखने को मिली।

शंकरगढ़ के राजभवन परिसर में दशकों से लगते आ रहे तीन दिवसीय मेले के पहले दो दिन ग्रामीणांचल की रियाया के लिए होते हैं, जबकि तीसरे दिन कस्बावासी मेला देखने पहुंचते हैं। मेले के तीसरे दिन आज स्थानीय लोगों ने मेले का लुत्फ उठाया। दूसरे दिन की तरफ तीसरे दिन भी ग्रामीणांचल से लोग मेला देखने पहुंचे और खरीदारी की।

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समापन के दिन मेले में भारी भीड़ की वजह से लोगों को दिक्कतें भी हुईं। बच्चों ने झूले का आनंद लिया तो बड़ों ने भी बच्चों के मनपसंद वस्तुओं की खरीदारी की। कस्बावासियों के साथ-साथ गांव-गिरांव से आए लोगों ने सालभर की गृहस्थी की खरीदारी की। इसमें रसोई में इस्तेमाल होने वाले उपकरण, बर्तन, खेती-किसानी में यूज होने वाले उपकरण भी शामिल रहे।

हालांकि पिछली बार की अपेक्षा इस बार के मेले में वह रौनक नजर नहीं आ रही है। इस बार दशहरा मेला के मौके पर कस्बे की सजावट नहीं की गई है। शंकरगढ़ के राजभवन परिसर में लगने वाले मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर स्थानीय थाने की फोर्स चौकस दिखी।

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शंकरगढ़ एसओ मनोज कुमार सिंह, बारा थाने से राजेश कुमार सचान, शंकरगढ़ थाने से एसआई ऋतुराज सिंह अपने मातहत कर्मियों के साथ दिनभर चहलकदमी करते नजर आए। मेले की सुरक्षा व्यवस्था के लिए मेला परिसर में पुलिस बूथ बनाया गया था, जिस पर महिला पुलिस कर्मियों की भी तैनाती की गई थी।

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