मुख्य सचिव से मिलने जा रहे किसान नेताओं को पुलिस ने रोका, शाम को थाने से छोड़ा
भूमि अधिग्रहण, धान खरीद, टंडन वन की समस्या उठाई गई
पीपीजीसीएल के द्वारा खदानों में फ्लाईऐश डालने कीभी शिकायत
प्रयागराज. विभिन्न मांगों को लेकर मुख्य सचिव से मिलने जिला मुख्यालय जा रहे किसान नेताओं को घूरपुर पुलिस ने रोक लिया। शाम पांच बजे के बाद भाकियू (भानु) के मंडल महासचिव केके मिश्र, अनिल बिंद, पंकज मिश्र आदि को घूरपुर थाने से छोड़ा गया। केके मिश्र ने मुख्य सचिव को एक पत्र भेजकर किसानों की समस्या गिनाई है।
भारतीय किसान यूनियन (भानु) के मंडल महासचिव केके मिश्र ने नेशनल हाईवे-76 के लिए अधिग्रहीत की जा रही भूमि के मामले में बेहद कम मुआवजा दिए जाने की शिकायत की है। मुख्य सचिव को भेजे पत्र में केके मिश्र ने कहा कि किसानों को बिना बताए किसानों कीजमीन ली जा रही है। इसके अलावा मुआवजा की दर भी काफी कम है, जबकि पूर्व में सरकार द्वारा ली गई जमीन की अधिक कीमत अदा की गई थी।
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बारा तहसील के गौहानी, जसरा, खटगिया अमरेहा, पांडर, पचखरा गांव के किसानों को यह भी नहीं बताया जा रहा है कि जिस बाईपास के बनने की बात कही जा रही है, वह कहां से कहां तक बनेगा।
एनएच-76 के जसरा बाईपास के लिए व चौड़ीकरण में कई किसान भूमिहीन और बेघर हो जाएंगे। जसरा बाईपास के लिए ली जा रही भूमि का काफी कम मुआवजा दिया जा रहा है। इस मसले को लेकर संबंधित अधिकारियों से कई चक्र में वार्ता की गई, लेकिन बात नहीं बनी।
दूसरी तरफ धान खरीद के लिए फर्जी किसानों का पंजीकरण करवाया जा रहा है। केके मिश्र ने आरोप लगाया कि अनाज माफियाओं द्वारा जिनका रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है, अधिकांश किसानों ने धान की खेती नहीं की है। क्रय केंद्र प्रभारियों से मिलकर किसानों का धान औने- पौने दाम पर खरीदे जाएंगे और वास्तविक किसान का धान क्रय केंद्र पर नहीं बिक पाएगा।
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केके मिश्र ने यह भी आरोप लगाया कि शकरगढ़ क्षेत्र के पुरुषोत्तम दास टंडन वन की करीब 1000 बीघे जमीन पर भू माफियाओं ने कब्जा कर रखा है और 10 हजार से अधिक पेड़ काट डले गए, जिसमें वन विभाग की भी मिलीभगत है। शिकायत के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। इसे लेकर कई बार शिकायत की गई, पदयात्रा निकालकर खून से चिट्ठी भी भेजी गई।
केके मिश्र नेअपनी शिकायत में अवैध खनन का भी जिक्र किया है। बारा क्षेत्र के गींज (पूरे बैजनाथ), ललई, जनवा, टकटकई, लखनपुर, कल्याणपुर में कहीं-कहीं 300 फीट तक खुदाई कर दी गई है। अब पीपीजीसीएल के द्वारा उन्ही खदानों में फ्लाईऐश डाली जा रही है। इससे पूरे क्षेत्र में गंभीर बीमारी फैलने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। शिकायतके बाद भी पीपीजीसीएल प्रबंधन, बारा तहसील और जिला प्रशासन मौन है।