गुलामी के दुष्प्रभाव से निकलने के लिए भारतीय संस्कृति से नाता जोड़ेः सुरेंद्रपाल
भदोही (संजय मिश्र). विकास खंड अभोली के गड़ौरा हनुमान मंदिर प्रांगण में रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुटुंब प्रबोधन गतिविधि द्वारा ‘परिवार प्रबोधन’ कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में महिला, पुरुष एवं बालकों ने भाग लिया।
‘परिवार प्रबोधन’ का शुभारंभ प्रयागराज से आए कुटुंब प्रांत सह संयोजक डा. सुरेंद्रपाल सिंह ने भारत माता के तैल चित्र के समक्ष दीप जलाकर किया। सुरेंद्रपाल सिंह ने कहा कि एक हजार वर्षों की गुलामी का कुछ दुष्प्रभाव हमारे परिवारों में है, उसे त्यागने के लिए भारतीय संस्कार, संस्कृति को अपनाया जाए। परिवार में बुजुर्गों को उचित सम्मान मिले।
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घर के सदस्य उनके साथ बैठकर उनसे बातचीत करें। बच्चों में स्मार्ट फोन एवं टेलीविजन का न्यूनतम प्रयोग की आदत डालें। परिवार के हर सदस्य को सूर्योदय से पहले उठने की आदत डालनी चाहिए। बच्चों के सामने उत्तम आचरण का प्रयोग करें, ताकि उनके अंदर भी संस्कार विकसित हो।
कुटुंब विभाग संयोजक हरिराम ने कहा कि परिवार में यम, नियम का पालन आवश्यक है। हमारा दुर्भाग्य है कि भारतीय संस्कृति में नित्य हवन-पूजन का अभ्यास था, लेकिन आज महीनों में भी लोग हवन कुंड का दर्शन नही कर पा रहे हैं। बच्चों को ‘हाय’, ‘हैलो’ से दूर ले जाकर पैर छूकर प्रणाम करने की आदत डालने का संकल्प लें।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ सह जिला संघचालक अशोक, देवेंद्र, जिला कुटुंब संयोजक मुकेश, कुटुंब विभाग संपर्क एवं व्यवस्था प्रमुख संजय, कौलेश्वर, देवीशंकर, कैलाश, विनोद, सर्वेश्वर सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित रहे।