पूर्वांचल

आध्यात्मिक जागृति का अभाव समाज के लिए खतरनाकः संत रामपाल महराज

भदोही (संजय सिंह). मौजूदा समाज में आपराधिक एवं हिंसक गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। यदि, हम इसके मूल कारणों की देखें तो समाज और आध्यात्मिक जागृति का अभाव माना जा सकता है। सत्संग में मनुष्य को उसके जीवन के मूल उद्देश्य और परमेश्वर के विधान को बताया जाता है, जिससे मनुष्य लड़ाई-झगड़े, चोरी, व्यभिचार और अन्य अपराधों से बचकर रहने लगता है। सत्संग के माध्यम से आपराधिक प्रवृत्ति के लोग भी साधु भाव धारण कर नेक इंसान बन जाते हैं। यह बातें संत रामपाल महराज ने कही।

जिला कारागार में रविवार, तीन सितंबर को जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल महाराज (Sant Rampal Maharaj) के अनमोल सत्संग का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक सहित जेल स्टाफ और सभी कैदियों ने संत रामपाल महाराज के सत्संग को सुना। जेल प्रशासन ने संत रामपाल महाराज के इस सार्थक पहल की सराहना की।

संत रामपाल महराज (Sant Rampal Maharaj) के अनुयायियों का कहना है कि यदि सभी जेलों में संत रामजी के इस तरह सत्संग प्रवचनों का आयोजन समय समय पर होता रहे, तो ना केवल जेल कैदियों में अच्छा सुधार होगा, बल्कि यही लोग समाज में जाकर दोबारा अपराध और सामाजिक बुराइयों में लिप्त होने से भी बचेंगे। सत्संग के उपरांत जेल स्टाफ को संत रामपाल महाराज द्वारा लिखित अद्वितीय आध्यात्मिक पुस्तक “ज्ञान गंगा” का वितरण किया गया। सत्संग कार्यक्रम में जिला सेवादार सत्येंद्र दास, हरिनरायन दास, उदयप्रताप दास, भारतेश्वर दास, सूरज दास, भाष्कर दास आदि मौजूद रहे।

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