पूर्वांचल

बेटियों का जवाब नहीः 45वें दीक्षांत समारोह में भदोही की शिखा को संस्कृत में गोल्ड

काशी विद्यापीठ के 45वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने किया पुरस्कृत

स्नातक वर्ग के कुल 19 स्वर्ण पदकों में 16 पदक पर बेटियों का कब्जा

भदोही/वाराणसी. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 45वें दीक्षांत समारोह में होनहार बेटियों का दबदबा देखने को मिला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गांधी अध्ययनपीठ सभागार में 16 मेधावियों को गोल्ड मेडल प्रदान किया। स्वर्ण प्राप्त करने वालों में भदोही की बेटी शिखा द्विवेदी का भी नाम शामिल है। शिखा द्विवेदी को संस्कृत विषय (स्नातक) में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर डा. भगवानदास स्मृति स्वर्ण पदक के साथ प्रो. अमरनाथ पांडेय स्मृति स्वर्ण पदक (विशेषीकृत स्वर्ण पदक) भी दिया गया है। राष्ट्रपति के हाथों सुनहरा पदक पाने वाली बेटियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

समारोह में कुल 65 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक दिया गया, जिसमें 14 छात्र और 51 छात्राएं शामिल हैं। स्नातक वर्ग में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले कुल 19 छात्र-छात्राओं की सूची में 16 छात्राएं शामिल हैं। इसमें उजाला यादव व शिखा द्विवेदी (संस्कृत में सर्वोच्च अंक) डा. भगवानदास स्मृति स्वर्ण पदक मिला है। जबकि इशिका (बीकाम), श्रेयांश जैन (बीकाम), श्रेया त्रिपाठी (बीएससी), अंकिता सिंह (बीएससी एजी), संध्या (बीएससी टेक्सटाइल), जयश्री डे (बीएफए), श्रेया गुप्ता (बीएड), आशीष कुजूर (बीपीएड), भाविका जैन (बी म्यूजिक), निधि नारायण (बीलिब) व संजना उपाध्याय (एलएलबी) को प्रो. अमरनाथ पांडेय स्मृति स्वर्ण पदक दिया गया है।

स्नातक वर्ग में ही शगुन सिंह (बीबीए), खुशी गुप्ता (बीसीए), तृप्तिका बनर्जी (मास कम्युनिकेशन), सिद्धांत सेठ (खिलाड़ी) और अंजली पटेल (खिलाड़ी) को कृष्ण वासुदेव स्मृति स्वर्ण पदक दिया गया है।

शिक्षक बनना चाहती हैं कालेज टॉपर शिखाः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों दोहरा स्वर्ण पदक प्राप्त करने  वाली शिखा द्विवेदी शुरू से ही मेधावी रही हैं। प्रतिष्ठित समाचार पत्र ‘आज’ के संवाददाता कृष्ण कुमार द्विवेदी की पुत्री शिखा की प्रारंभिक शिक्षा सूर्या बालिका इंटरमीडिएट कॉलेज सराय क्षत्रसाह मोढ़ से हुई। शिखा शुरू से ही मेधावी थीं। हाईस्कूल और इंटर उन्होंने प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया। इसके बाद स्नातक की पढ़ाई में घनश्याम दुबे महाविद्यालय में टॉप किया।

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पढ़ाई में काम आया दादा-दादी को मार्गदर्शनः संस्कृत विषय से गोल्ड मेडलिस्ट शिखा द्विवेदी बीएड कर रही हैं। वह शिक्षक या सिविल सेवा के जरिए बनकर समाज की सेवा करना चाहती हैं। गोल्ड मेडलिस्ट शिखा द्विवेदी अपनी इस सफलता का श्रेय अपने दादा राम श्रृंगार द्विवेदी और दादी स्वर्ण निर्मला द्विवेदी को देती हैं। इसके साथ ही शिखा ने अपने मार्गदर्शक फुरसत अली को भी याद किया। फुरसत अली ने हर कदम पर शिखा की मदद की।

दीक्षांत समारोह में दी गईं 78 हजार उपाधियांः काशी विद्यापीठ के 45वें दीक्षांत समारोह में 78 हजार उपाधियां दी गईं। इसमें 16 छात्र-छात्राओं को अतिविशिष्ट मेडल, 14 विशिष्ट पदक और दो उत्कृष्ट खिलाड़ियों को दिया गया पदक शामिल है। स्नातक की 65089 उपाधियों में 28064 छात्र, 37024 छात्राएं और एक ट्रांसजेंडर शामिल है।

इसी तरह स्नातकोत्तर में 12521 उपाधियों में 4029 छात्र और 8500 छात्राएं हैं। इसी तरह शोध में कुल 73 उपाधियों में 43 छात्र और 30 छात्राएं शामिल हैं। शारीरिक शिक्षा विभागके प्रो. सुशील कुमार गौतम को डी.लिट की उपाधि दी गई। कुल उपाधियों में 65 स्वर्ण पदक शामिल हैं।

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