पश्चिमांचल

प्रो. राजुल ने रेडियोलॉजी की वर्ल्ड कॉन में प्रेजेंट किए 10 रिसर्च पेपर

यूरोपियन कांग्रेस ऑफ रेडियोलॉजी-2023 की हाइब्रीड मोड में हुई कांफ्रेंस में 122 देशों के 17,262 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

मुरादाबाद (the live ink desk). तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर में रेडियोलॉजी के प्रो. राजुल रस्तोगी ने वर्ल्ड की सेकेंड लारजेस्ट रेडियोलॉजी कांफ्रेंस- ईसीआर- यूरोपियन कांग्रेस ऑफ रेडियोलॉजी-2023 में 10 रिसर्च प्रेजेंटेशन दी है। हाइब्रीड मोड में आयोजित इस कांफ्रें की थीम – ए ट्रू सेलिब्रेशन ऑफ साइकिल ऑफ लाइफ थी। टीएमयू की ओर से वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट प्रो. राजुल रस्तोगी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन वेंट्रीक्यूलोमिगैली, आर्टीरियल स्पिन लेबलिंग इन फोकल ब्रेन लीजंस, डिफ्यूजन टेंसर इमेजिंग इन साइकोसिस एंड स्टोक के अलावा दीगर विषयों पर रिसर्च प्रेजेंटेशन दीं।

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इन प्रेजेंटेशन्स में प्रो. रस्तोगी ने ब्रेन की सिकुड़न, गांठ, मानसिक रोग, लकवा आदि में रेडियोलॉजी की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कलाई के दर्द और मूत्राशय के रूकावट में एमआरआई का रोल पर भी चर्चा की। इसके अतिरिक्त प्रो. राजुल ने कुष्ट रोग में अल्ट्रासाउंड का रोल, यूरेनरी सिस्टम से जुड़ी बीमारियों में सीटी स्कैन या एमआई की उपयुक्तता, फेफड़े की बीमारी में एमआरआई की उपयुक्तता आदि पर भी विस्तारपूर्वक अपना नजरिया पेश किया।

कांफ्रेंस में दुनिया के 122 देशों के 17262 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। 72 देशों के 1,829 स्पीकर्स ने अपने-अपने रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए, जिनमें प्रो. राजुल रस्तोगी समेत 35 भारतीय शामिल थे। उल्लेखनीय है, रेडियोलॉजी की यूरोपीय सोसायटी एक गैर-राजनीतिक और गैर-लाभकारी संगठन है, जो सभी यूरोपीय देशों में रेडियोलॉजी की वैज्ञानिक, परोपकारी, बौद्धिक और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और समन्वय करने के लिए समर्पित है। हर समय सोसाइटी का मिशन विज्ञान, शिक्षण और अनुसंधान के समर्थन और रेडियोलॉजी के क्षेत्र में सेवा की गुणवत्ता के माध्यम से आम जनता की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं की सेवा करना है। दुनिया भर में 1,30,316 सदस्यों के वाली यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी रेडियोलॉजिकल सोसायटी है। यह सोसायटी हर साल ऑस्ट्रिया की राजधानी  वियना में सबसे बड़ी और सबसे नवीन वैज्ञानिक रेडियोलॉजी की यूरोपीय कांग्रेस की मेजबानी करती है।

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