
The live ink desk. कश्मीर घाटी में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है और ठंड का असर तेज हो गया है। राहत के कुछ दिनों बाद रात के तापमान में तेज गिरावट दर्ज की गई है। घाटी के अधिकांश इलाकों में पारा हिमांक बिंदु से नीचे चला गया है। गुरुवार रात पुलवामा शून्य से चार डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा।
मौसम विभाग के अनुसार राजधानी श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.1 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो पिछली रात की तुलना में करीब दो डिग्री कम है। शुक्रवार तड़के श्रीनगर समेत घाटी के कई हिस्सों में, विशेषकर झीलों और अन्य जलाशयों के आसपास, घना कोहरा छाया रहा।
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम, जो अमरनाथ यात्रा के प्रमुख आधार शिविरों में शामिल है, वहां न्यूनतम तापमान शून्य से 2.6 डिग्री सेल्सियस नीचे रिकॉर्ड किया गया। कोकेरनाग में तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस और काजीगुंड में शून्य से 1.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। वहीं उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.8 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया।
मौसम विभाग ने बताया कि गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से ऊपर 1.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकारियों के अनुसार 21 दिसंबर से कश्मीर में ‘चिल्लई-कलां’ की शुरुआत होगी, जिसे वर्ष का सबसे ठंडा दौर माना जाता है। यह अवधि 30 जनवरी तक चलेगी, जिसमें बर्फबारी की संभावना सर्वाधिक रहती है।
इस सर्दी में अब तक घाटी में कोई बड़ी बारिश या बर्फबारी नहीं हुई है। लंबे समय से जारी शुष्क मौसम के कारण खांसी-जुकाम जैसी मौसमी बीमारियों के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। हालांकि मौसम विभाग ने 20 और 21 दिसंबर को मौसम में बदलाव के संकेत देते हुए गीले मौसम की संभावना जताई है।
विभाग के मुताबिक ऊंचाई वाले इलाकों में मध्यम से भारी बर्फबारी हो सकती है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं, जिससे लंबे समय से जारी शुष्क मौसम से राहत मिलने की उम्मीद है।




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