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दिल्ली में सैलाब संग आई आफतः सड़कों पर चार फीट तक भरा पानी, कम हुई मेट्रो की रफ्तार

The live ink desk. यमुना नदी में आई बाढ़ (Flood in Yamuna) के चलते नई दिल्ली के शहरी एरिया में पानी घुस गया है। दिल्ली में बाढ़ से चौतरफा हाहाकार की स्थिति है। सोशल मीडिया पर तमाम वीडियो और फोटो शेयर कर लोग वहां की परेशानी दिखा रहे हैं। गुरुवार को यमुना का पानी (Yamuna Water Leverl) यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन (Yamuna bank metro station) के बाहर पहुंच गया। मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार को बंद कर दिया गया है। मेट्रो यात्रियों से लक्ष्मीनगर या फिर अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन जाने की सलाह दी जा रही है।

बताया जाता है कि 2013 के बाद पहली दफा पुराने रेलवे ब्रिज पर जलस्तर गुरुवार सुबह तक 208.53 मीटर के निशान (Yamuna Water Leverl) को  पार कर गया। सैलाब के हालात को देखते हुए तीन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद कर दिए गए हैं। यमुना खादर इलाके में 150 अधिक लोग फंसे हुए हैं। जलभराव वाले इलाकों में स्कूल-कालेज बंद कर दिए गए हैं, साथ ही मेट्रो की रफ्तार भी कम कर दी गई है।

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इसके अलावा निचले इलाके से हजारों लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। यमुना के तटवर्ती कई गांव पूरी तरह से जलमग्न होगए हैं। ज्यादातर परिवारों ने मकान के ऊपरी मंजिल या फिर छत पर शरण ले रखी है। प्रमुख मार्गों के पानीमें घुटने और कमर भर पानी भरने से आवागमन रोक दिया गया है। गुरुवार को सुबह सात बजे यमुना नदी का जलस्तर 208.46 मीटर रिकार्ड किया गया। हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने और बरसात के कारण लगातार पानी बढ़ रहा है।

दिल्ली में बाढ़ का 45 साल पुराना रिकार्ड भी टूट गया है। दिल्ली में इससे पहले सर्वाधिक 207.49 मीटर बाढ़ का रिकार्ड दर्ज था। निचले इलाके में लगातार पानी का चढ़ाव देखते हुए दिल्ली मेट्रो की रेड लाइन सेवा की स्पीड कम कर दी गई है। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित इलाकों में बिजली और पेयजल का भी संकट खड़ा हो गया है। लगातार चलाए जा रहे अभियान के दौरान  15 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

दिल्ली की सबसे बड़ी बुराड़ी ट्रांसपोर्ट अथारिटी के दफ्तर में यमुना का पानी घुस गया है। रिंग रोड पर पानी आने के बाद कश्मीरी गेट जाने वाले रास्ते को दिल्ली पुलिस ने बंद कर दिया है। आईएसबीटी कश्मीरी गेट पर 3-4 फीट पानी भरा हुआ है। बुराड़ी-अलीपुर से आने वाले ट्रैफिक को तिमारपुर की ओर डायवर्ट किया जा रहा है। लोहा पुलएरिया में लोगों नेमकान के छतों पर शरण ले रखी है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लोगों को सुरक्षित स्थानोंपर जाने की सलाह दी है।

उत्तराखंड में मानल नदी पर बना पुल टूटा

दूसरी तरफ उत्तराखंड में भी बाढ़ का विनाशकारी स्वरूप देखने को मिल रहा है। यहां के पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार क्षेत्र से बारिश और बाढ़ से भयानक दृश्य सामने आया है। बाढ़ के सैलाब के कारण कोटद्वार-लालढांग हरिद्वार रोड पर मालन नदी पर बना पुल तेज बहाव के कारण टूट गया है। इस पुल टूटने से सिडकुल और भाबर का क्षेत्र कोटद्वार से कट गया है। इससे लगभग 50 हजार आबादी का कोटद्वार से संपर्क टूट गया है। पुल के टूटने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन के साथ विभागीय अधिकारियों की टीम मौके पर मौजूद है। राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। इस हादसे को लेकर वहां पर लोगों भीड़ एकत्र है, जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस फोर्स लगाया गया है।

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