The live ink desk. पोलैंड की यात्रा समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचे। कीव में उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कीव के ‘ओएसिस आफ पीस’ पार्क में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा मानवता के लिए आशा और शांति की किरण के रूप में काम करती है।
इस दौरान उन्होंने स्कूल आफ ओरिएंटल स्टडीज में हिंदी भाषा सीखने वाले यूक्रेनी छात्र-छात्राओं से मुलाकात की। भारतीय संस्कृति और इतिहास को यूक्रेनी लोगों के करीब लाने में उनके प्रयासों को सराहा।
कीव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की के बीच एक प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक हुई। दोनों नेताओं की मौजूदगी में चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इन समझौतों मे यूक्रेन में सामुदायिक विकास परियोजनाएं, औषधि नियंत्रण मानकों, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और कृषि के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
शांति वापसी के लिए भारत प्रतिबद्ध
प्रधानमंत्री की यूक्रेन यात्रा पर मीडिया को जानकारी देते हुए विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर ने कहा कि चर्चा द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार, आर्थिक मुद्दों, रक्षा, फार्मास्युटिकल और कृषि पर केंद्रित थी। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन में संघर्ष पर चर्चा की। विदेश मंत्री ने कहा भारत का विचार है कि समाधान खोजने के लिए दोनों पक्षों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यापक स्वीकार्यता वाले और शांति की शीघ्र बहाली में योगदान देने वाले नवीन समाधान विकसित करने के लिए सभी हितधारकों के बीच ईमानदार और व्यावहारिक जुड़ाव की आवश्यकता दोहराई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने शांति की शीघ्र वापसी के लिए हर संभव तरीके से योगदान देने की भारत की इच्छा भी दोहराई।
यूक्रेन को भेंट किए चार ‘भीष्म क्यूब’
इस दौरान पीएम ने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की को भारत के चार ‘भीष्म क्यूब’ भी भेंट किए। यह क्यूब घायलों का शीघ्र उपचार करने और जान बचाने में मदद करेंगे। विशेष रूप से बनाए गए इन क्यूब की विशेषता यह है कि इसमें उपचार की अधिकतम सुविधाएं मौजूद हैं।
इसमें बुनियादी परेशन कक्ष के लिए सभी सर्जिकल उपकरण मौजूद हैं, जिससे रोजाना 10-15 सर्जरी रोजाना की जा सकेगी। ‘भीष्म क्यूब’ में आघा लगने, रक्तस्राव होने, जल जाने, फ्रैक्चर होने के 200 मरीजों का इलाज करने की सुविधा है। इसमें पावर का बैकअप भी है, साथ ही यह आक्सीजन भी उत्पन्न कर सकता है। इन क्यूब के संचालन के प्राऱंभिक प्रशिक्षण के लिए भारतीय विशेषज्ञों की एक टीम भी तैनात की गई है।