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रुमेटॉइड आर्थराइटिस के प्रबंधन में आयुर्वेदिक संपूर्ण प्रणाली प्रभावी: अध्ययन

The live ink desk.  एक नये वैज्ञानिक अध्ययन ने रूमटॉइड आर्थराइटिस (आरए) के प्रबंधन में आयुर्वेदिक संपूर्ण प्रणाली (एडब्ल्यूएस) की महत्वपूर्ण प्रभावशीलता को उजागर किया है, जो विश्‍व में लाखों लोगों को प्रभावित करने वाला एक पुराना ऑटोइम्यून विकार है।

यह शोध दिखाता है कि एडब्ल्यूएस न केवल रूमटॉइड आर्थराइटिस के लक्षणों को कम करता है, बल्कि रोगियों में सामान्यीकरण की दिशा में एक चयापचयी बदलाव को भी प्रेरित करता है, जो पारंपरिक उपचारों के लिए एक आशाजनक पूरक दृष्टिकोण प्रदान करता है।

यह अध्ययन प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थानों के वरिष्ठ शोधकर्ताओं के एक समूह द्वारा किया गया था, जिसमें आर्थराइटिस ट्रीटमेंट एंड एडवांस्ड रिसर्च सेंटर (A-ATARC), काया चिकित्सा विभाग, राज्य आयुर्वेदिक कॉलेज और अस्पताल, लखनऊ विश्वविद्यालय, सेंटर ऑफ बायोमेडिकल रिसर्च (CBMR), एसजीपीजीआईएमएस कैंपस, लखनऊ, वैज्ञानिक और अभिनव अनुसंधान अकादमी (ACSIR), गाजियाबाद शामिल थे।

यह अध्ययन रूमटॉइड आर्थराइटिस के विषय में संभावित पैथोलॉजी रिवर्सल के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, जिसका इलाज संपूर्ण सिस्टम आयुर्वेद दृष्टिकोण के साथ किया जा रहा है। यह संप्राप्ति विघटन’ की आयुर्वेदिक अवधारणाओं का समर्थन करता है, जहां एक पैथोजेनेसिस (रोगजनन-रोग) परिसर को नष्ट कर दिया जाता है और ‘दोषों’ को सामान्य स्थिति में वापस लाया जाता है।

पबमेड-इंडेक्‍स्‍ड अनुसंधान पत्रिका जर्नल ऑफ आयुर्वेद एंड इंटीग्रेटेड मेडिसिन (जेएआईएम) में प्रकाशित अध्ययन ने रूमटॉइड आर्थराइटिस रोगियों के बीच प्रमुख नैदानिक मानकों में पर्याप्त सुधार पर प्रकाश डाला, जो एडब्ल्यूएस हस्तक्षेप से गुजरते थे। रोग गतिविधि स्कोर -28 एरिथ्रोसाइट सेडीमेंटेशन (अवसादन) दर (DAS-28 ESR) में उल्लेखनीय कमी आई थी, साथ ही सूजे और अँकड़े हुए जोड़ों की कुल संख्या में कमी आई थी।

इसके अतिरिक्त, एएमए एक्टिविटी मेज़र (AAM) स्कोर, जो शरीर में विषाक्त पदार्थों की उपस्थिति का आकलन करता है, ने भी हस्तक्षेप के बाद एक महत्वपूर्ण कमी दिखाई।

शोध ने स्वस्थ नियंत्रणों से तुलना करते हुए रूमटॉइड आर्थराइटिस रोगियों के चयापचयी प्रोफाइल का पता लगाया। अध्ययन की शुरुआत में रूमटॉइड आर्थराइटिस रोगियों ने कुछ चयापचयों के ऊंचे स्तर का प्रदर्शन किया, जिसमें सक्सिनेट, लाइसिन, मैनोज, क्रिएटिन और 3-हाइड्रॉक्सीब्यूटाइरेट (3-HB) शामिल हैं, साथ ही एलेनिन के स्तर में कमी आई है। लेकिन एडब्ल्यूएस उपचार के बाद इन चयापचयी मार्करों ने स्वस्थ व्यक्तियों में देखे गए स्तरों की ओर बढ़ना शुरू कर दिया, जो अधिक संतुलित चयापचयी स्थिति में वापसी का संकेत देता है।

शोधकर्ताओं के अनुसार यह अध्ययन रूमटॉइड आर्थराइटिस के प्रबंधन में एडब्ल्यूएस (AWS) की नैदानिक प्रभावकारिता को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने वाला अपनी तरह का पहला है। हस्तक्षेप ने न केवल लक्षणों को कम किया बल्कि होमियोस्टैसिस के लिए अनुकूल चयापचयी वातावरण को भी बढ़ावा दिया, संभावित रूप से रूमटॉइड आर्थराइटिस रोगियों के लिए दीर्घकालिक लाभ के लिए, ये निष्कर्ष आशाजनक हैं।

अध्ययन के लेखक इन प्रारंभिक परिणामों की पुष्टि करने और उन तंत्रों को बेहतर ढंग से समझने के लिए आगे के शोध की आवश्यकता पर बल देते हैं, जिनके माध्यम से एडब्ल्यूएस अपने चिकित्सीय प्रभावों को बढ़ाता है।

यह सफलता रूमटॉइड गठिया जैसी पुरानी स्थितियों में रोगी के परिणामों में सुधार के लिए आधुनिक चिकित्सा दृष्टिकोणों के साथ पारंपरिक आयुर्वेदिक प्रथाओं को एकीकृत करने की क्षमता को रेखांकित करती है।

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