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युद्ध संघर्ष और पर्यावरण की तबाही से मानवता पर संकटः पोप फ्रांसिस

साउथ एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद इस्तिकलाल से धर्म के नाम पर संघर्ष करने वालों को भी पोप ने चेताया

The live ink desk. इंडोनेशिया के दौरे पर पहुंचे पोप फ्रांसिस (Pope Francis) और इंडोनेशिया के शाही इमाम ने विश्व को शांति का साझा संदेश दिया है। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता (Jakarta) के इस्तिकलाल मस्जिद में शाही इमाम के साथ पोप फ्रांसिस ने पर्यावरण संरक्षण, धार्मिक सौहार्द और शांति को लेकर एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किया।

इसके अतिरिक्त पोप फ्रांसिस ने इंडोनेशिया (Indonesia) के छह अन्य धर्मों के प्रमुखों से मुलाकात की है। इसके साथ ही पोप फ्रांसिस ने धर्म के नाम पर संघर्ष और युद्ध करवाने वाले अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी।

उल्लेखनीय है कि राजधानी जकार्ता (Jakarta) में स्थित इस्तिकलाल मस्जिद साउथ एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद है। पोप फ्रांसिस (Pope Francis) ने इस मस्जिद के दौरा पर लोगों को संबोधित किया। पोप ने कहा, सभी धर्म के लोगों को यह जानना चाहिए कि हम सभी भाई हैं। ईश्वर तक पहुंचने का सभी लोगों का एक ही रास्ता है।

पोप फ्रांसिस ने कहा कि आज मानवता युद्ध संघर्ष और पर्यावरण की तबाही के कारण भारी संकट में है। पोप ने उस 91 फीट लंबी सुरंग का भी दौरा किया, जो इस्तिकलाल मस्जिद को सड़क के दूसरी तरफ स्थित कैथोलिक चर्च से जोड़ती है। दोनों धर्म गुरुओं ने सुरंग का मुआयना किया। माना जाता है कि यह एक धार्मिक भाईचारे का प्रतीक है, जो दिखता है कि कैसे अलग-अलग धार्मिक विश्वास के लोग एक साझी विरासत से आते हैं।

गौरतलब है कि दुनिया का सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले मुल्क इंडोनेशिया (Indonesia) में आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त छह धर्म हैं, जिसमें इस्लाम, बौद्ध, हिंदू, प्रोटेस्टेंट कैथोलिक और कन्फ्यूशियस हैं। इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश है। दुनिया की कुल मुस्लिम आबादी का 27.5% इंडोनेशिया में है, जिसमें 3% आबादी कैथोलिक धर्म को मानने वाले ईसाइयों की है। पॉप फ्रांसिस (Pope Francis) इंडोनेशिया से पापुआ न्यू गिनी, सिंगापुर और तिमोर लेसटे जाएंगे।

87 वर्षीय पोप फ्रांसिस एशिया प्रशांत क्षेत्र के 11 दिवसीय दौरे पर निकले हैं। इनके पूरे कार्यकाल का यह सबसे लंबा विदेशी दौरा है। बृहस्पतिवार को इंडोनेशिया (Indonesia) में पोप फ्रांसिस का आखिरी दिन था। पोप फ्रांसिस के दौरे का मकसद मुख्य रूप से विश्व में शांति, सौहार्द, भाईचारा, सभी धर्म का सम्मान और संघर्ष को खत्म करना है, साथ ही दुनिया में बढ़ रहे संघर्षों को वह कम करना चाहते हैं।

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