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International online seminar: दिव्यांगों का जीवन आसान बना रहा नार्सेप

नार्सेप और रोटरी क्लब के तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी में विशेष शिक्षकों की उपादेयता पर मंथन

आनलाइन अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में अमेरिका, नाइजीरिया और कनाड़ा से जुड़े दर्जन भर विषय विशेषज्ञ

भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी)। नासेर्प संगठन (naserp organization) और रोटरी क्लब (Rotary Club) के संयुक्त तत्वावधान में विशेष शिक्षक दिवस के अवसर पर एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें विशेष शिक्षक की उपादेयता विषय पर विशिष्ट विशेषज्ञों के द्वारा अपने विचारों को व्यक्त किया गया। अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी (international online seminar) में अमेरिका (america), नाइजीरिया (Nigeria), कनाडा (Canada) और भारत (Bharat) जैसे राष्ट्रों में दिव्यांग बच्चों के शैक्षिक सामाजिक समावेशन को दृष्टिगत विधिक व्यवस्थाओं और प्रचलित मानदंडों पर पर चर्चा की गई।

अमेरिका से जुड़ी हुई विशेष शिक्षिका सिंथिया लांग ने अपने विचार को अपने राष्ट्रीय परिदृश्य में वर्णित करने का प्रयास किया, साथ ही साथ उनका आवाहन था कि समस्त विश्व के समस्त मानवीय सभ्यता में दिव्यांग बच्चों के उत्थान के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका अपने योगदान को दर्शित करने के लिए कटिबद्ध है।

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नाइजीरिया से उपस्थित विशिष्ट वक्ता के रूप में डार्थी अकेंदे ने अपने विचारों से अवगत कराते हुए विशिष्ट प्रकार के शिक्षण अधिगम सामग्री की सहायता से दिव्यांग बच्चों की शिक्षा को शुगम बनाने का अपना संदेश प्रेषित किया। वहीं आस्ट्रेलिया से जुड़ी हुई विशेष शिक्षिका सुनीता माहेश्वरी द्वारा वैश्विक पटल पर हो रहे समस्त प्रयासों को सराहा गया। भारतीय परिवेश से जुड़े नासेर्प संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रजनीश कुमार पांडेय ने भारतीय विधिक व्यवस्था और साथ-साथ वर्तमान परिवेश में संगठन द्वारा सकारात्मक सुधारात्मक, प्रयासों की चर्चा की गई साथ ही समस्त राष्ट्रों में दिव्यांग बच्चों के अधिकार के लिए अपनी मुहिम को तेज करने के प्रति संगठन के तरफ से प्रतिबद्धता प्रकट की गई।

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नासेर्प संगठन के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव अपूर्व द्विवेदी द्वारा उपस्थित समस्त अतिथियों का आभार प्रकट किया गया। दिव्यांग बच्चों की शिक्षा अधिकार की जागरूकता के साथ-साथ कर्तव्य निष्ठा के प्रति ध्यान आकृष्ट करते हुए नासेर्प संगठन के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव रामप्रवेश तिवारी ने दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में दिमाग से ज्यादा दिल के प्रयोग करने का आह्वान किया, जिससे भावनात्मक रूप से जुड़कर दिव्यांग बच्चों की विशिष्ट प्रतिभा को पहचान उसे समुन्नत ऊंचाई प्राप्त कराने में सहयोगी की भूमिका निभाई जा सके।

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अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन संगोष्ठी में बस्ती से जुड़े गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने अपने कार्य, आचरण, व्यवहार और साथ ही साथ विशिष्ट पहचान बनाई है, जिसके बल पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने उन्हें सलाहकार का दर्जा प्रदान किया है। दिव्यांग बच्चों के सामाजिक, शैक्षिक उन्नयन को मानव लक्ष्य बनाने के प्रति अपना कृत संकल्प व्यक्त किया। नासेर्प संगठन और रोटरी क्लब के संयुक्त तत्वावधान में होने वाले इस संगोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार व समाजसेवी ज्ञानेंद्र पुरोहित व मोनिका द्वारा कार्यक्रम के आयोजन व सफल संचालन का दायित्व निर्वहन किया गया।

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