The live ink desk. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने उसके लिए सात अरब डॉलर का कर्ज जारी करने की मंजूरी दी है। इस बारे में जानकारी देते हुए पीएमओ ने कहा कि कर्ज मंजूरी के लिए आईएमएफ (IMF) ने आर्थिक सुधार के जो उपाय बताए हैं, उन्हें अमल में लाया जा रहा है।
आर्थिक स्थिरता हासिल करने के बाद पाकिस्तान आर्थिक विकास के लक्ष्यों को पाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा। पाकिस्तानी टीवी चैनल जिओ न्यूज़ के मुताबिक नये कर्ज की 1.1 अरब डॉलर की पहली किश्त 30 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष जारी कर सकता है।
इस बारे में पाकिस्तान की तरफ से राज्यों को वित्तीय अनुशासन, कृषि टैक्स के मूलभूत ढांचे में सुधार करने और कुछ दूसरे कड़े सुधारों को लागू करने के वादे के बाद अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा को द्वारा सात अरब डॉलर के कर्ज को स्वीकृति दी गई है।
गौरतलब है कि साल 1958 से अब तक पाकिस्तान 22 मर्तबा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास कर्ज के लिए हाथ फैला चुका है। वैसे, पूरी दुनिया में वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का पांचवां सबसे बड़ा कर्जदार देश है।
पाकिस्तान खराब आर्थिक हालातों की वजह से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कर्ज पर आश्रित हो गया है। बीते कई सालों से पाकिस्तान की आर्थिक मोर्चे स्थिति बहुत ही कमजोर हो गई है। महंगाई, भ्रष्टाचार, स्वास्थ्य, आतंकवाद, खाने-पीने के लाले जैसी मूलभूत समस्याओं से आम जनमानस संघर्ष कर रहा है।
पाकिस्तान, विश्व बैंक और अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष के द्वारा दिए जा रहे कर्ज पर निर्भर है। इससे पहले पाकिस्तान एशियन डेवलपमेंट बैंक एडीबी के पास भी कर्ज की गुहार लगा चुका है।
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