मायावती ने किया ट्वीट, कहा- सुप्रीम कोर्ट इस घटना का स्वयं ले संज्ञान
लखनऊ (the live ink desk). प्रयागराज के काल्विन हास्पिटल में शनिवार रात की गई अतीक अहमद और अशऱफ की हत्या को लेकर कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं। वारदात के घंटेभर बाद ही पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराध की पराकाष्ठा हो गई है। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। जब पुलिस सुरक्षा के घेरे में सरेआम फायरिंग कर किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या। अखिलेश ने आगे लिखा- इससे जनता के बीच भय का माहौल बन रहा है। ऐसा लगता है कि कुछ लोग जान-बूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं। एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
दूसरी तरफ बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती (chief Mayawati) ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट से इस घटना का स्वयं संज्ञान लेने की अपील की है। मायावती ने ट्वीट किया है कि गुजरात जेल से अतीक अहमद व बरेली जेल से लाए गए उनके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में ही गोली मारकर हुई हत्या यूपी सरकार की कानून व्यवस्था व उसकी कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है।
दूसरे ट्वीट में बसपा सुप्रीमो ने लिखा, ‘देशभर में चर्चित इस अति-गंभीर व अति-चिंतनीय घटना का सुप्रीम कोर्ट अगर स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही करे तो बेहतर। वैसे भी ‘उत्तर प्रदेश में कानून द्वारा कानून के राज’ के बजाय, अब इसका एनकाउंटर प्रदेश बन जाना कितना उचित? सोचने की बात।
अतीक और अशरफ हत्याकांड पर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, हम प्रधानमंत्री से पूछना चाहेंगे कि आप कुछ बोलेंगे या नहीं। पीएम भाषण में बोलते हैं की -मेरी सुपारी ली गई है, अब बताइए कि जहां से आप सांसद हैं, उस प्रदेश में क्या हो रहा है। देश का हर नागरिक कल की घटना के बाद गैरमहफूज और कमजोर समझ रहा है। ओवैसी ने सूबे की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी इस्तीफा देने की मांग कर डाली है। कहा, सुप्रीम कोर्ट इसमें एक जांच दल बनाए और इस मामले का स्वतः संज्ञान ले, वरना यह चलता रहेगा। संविधान के मुताबिक उन सब पुलिस वालों को उनकी सर्विस से निकालना चाहिए।
बताते चलें कि माफिया ब्रदर्स की शनिवार रात करीब साढ़े दस बजे उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई जब दोनों भाइयों को प्रयागराज के काल्विन अस्पताल में रूटीन मेडिकल चेकअप के लिए पुलिस लेकर जा रही थी। पुलिस ने इस मामले में तीन हमलावरों को तत्काल मौके पर ही दबोच लिया था। घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देर रात में ही उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए, साथ ही अतीक और अशरफ की सुरक्षा में तैनात 17 पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित करने का निर्देश दिया।