प्रयागराज/हमीरपुर (आलोक गुप्ता). अतीक अहमद ब्रदर्स के तीनों हत्यारोपियों को केंद्रीय कारागार नैनी से प्रतापगढ़ जिला जेल भेज दिया गया है। यह निर्णय सुरक्षा कारणों से लिया गया है। बताया जाता है कि पुलिस को इनपुट था कि कारागार में तीनों हत्यारोपियों पर हमला हो सकता है। दूसरी तरफ हमीरपुर जनपद के निवासी हत्यारोपी मोहित उर्फ शनी सिंह के घर की सुरक्षा में पुलिस को तैनात कर दिया गया है।
नैनी जेल में अतीक अहमद का बेटा अली अहमद भी कैद है। इस कारण से तीनों हत्यारोपियों लवलेश तिवारी, मोहित उर्फ शनी सिंह और अरुण मौर्य को जिला जेल प्रतापगढ़ शिफ्ट कर दिया गया है। इसके अलावा अतीक अहमद और अशरफ के ऊपर विदेशी पिस्टल से गोलियां बरसाने वाले शूटर शनी सिंह के पैतृक घर हमीरपुर में सुरक्षा कर्मियों को तैनात कर दिया गया है।
सोमवार को स्थानीय थाने की फोर्स शनी सिंह के घर पहुंची और बैरीकेडिंग करके वहां पहरा बैठा दिया गया। शनी सिंह के घर आने-जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
बताते चलें कि इस पूरे मामले में भाजपा की योगी सरकार ने घटना वाले दिन ही न्यायिक जांच आयोग बनाने का आदेश दे दिया था, जिसे बना दिया गया है। इसके अलावा एक एसआईटी का भी गठन किया गया। इसके अतिरिक्त अधिवक्ता विशाल तिवारी ने शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति से पूरे मामले की जांच की मांग उठाई है। विशाल तिवारी ने मांग की है कि 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में मुठभेड़ की कुल 183 मामलों की जांच की जाए।
याचिका में कहा गया है कि फर्जी पुलिस मुठभेड़ों का कानून के तहत कोई स्थान नहीं है और कहा कि एक लोकतांत्रिक समाज में पुलिस को अंतिम न्याय देने का एक तरीका बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, क्योंकि सजा देने की की शक्ति केवल न्यायपालिका में निहित है।