रानीगंज में तूफान ने ढाया कहर, दर्जनों पेड़ उखड़े, किसान की मौत
प्रतापगढ़ (मनीष सिंह बिसेन). शनिवार को दूसरे पहर रानीगंज क्षेत्र में आए तूफान ने जमकर कहर बरपाया। कुछ ही देर में सबकुछ तहस-नहस हो गया। तूफान की रफ्तार इतनी तेज थी कि लोगों को बचने का भी मौका नहीं मिला। तूफान कीजद में आने से दर्जनों पेड़ उखड़कर वाहनों, मकानों पर गिर पड़े। टीनशेड उखड़कर काफी दूर चले गए। इस दौरान खेत में काम कर रहा एक किसान पेड़ की चपेट में आकर काल-कवलित हो गया, जबकि कई अन्य के घायल होने की खबर है। तूफान कीवजह से एक बड़े क्षेत्र की बिजली गुल हो गई है।
तूफान की सूचना पर एसओ रानीगंज दलबल के साथ प्रभावित क्षेत्र में पहुंच गए और राहत-बचाव कार्य शुरू करवाया। जिलाधिकारी डा. नितिन बंसल ने भी उक्त जानकारी के बाद तहसीलदार को मौके पर भेजकर क्षति का आकलन करने और रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
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बताया जाता है कि दोपहर तक मौसम सामान्य था। आसमान में काले बादल छाए थे। रुक-रुककर हवाएं चल रही थीं। इसी दौरान क्षेत्र के चिरकुटी चौराहे से हवा का गोला (बवंडर) उठा और तेजी से आगे बढ़ने लगा। इस तूफान की रफ्तार इतनी तेज थी कि लोगों को बचने का भी मौका नहीं मिला। हर तरफ लोग अपने बचाव में भागने लगे। चिरकुटी चौराहे से निकला तूफान कुछ मिनट में ही बाबूपट्टी, कसेरुआ, जयरामपुर, सराय सेतराय, कौलापुर होते हुए नंदपट्टी तक पहुंच गया।
इस दौरान कसेरुआ में खेत में काम कर रहे किसान रामबहादुर यादव (50) ने अपने बचाव में एक पेड़ का सहारा लिया,लेकिन जिस पेड़ के नीचे रामबहादुर खड़े हुए थे, वही पेड़ गिर पड़ा और वह उसी के नीचे दब गए। तूफान थमने के बाद जब लोग मौके पर पहुंचे, तब तक रामबहादुर का निधन हो चुका था। इसी तरह एक तांगा (बुग्गी) चालक इस्लाम भी उड़ रहे टीनशेड की चपेट में आकर घायल हो गया।
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उक्त गांवों के कई अन्य लोग टीनशेड और पेड़ की चपेट में आने से घायल हुए हैं। बताया जाता है कि पेड़ों से गिरने से कई गाड़ियों और मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। तूफान के थमने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। एसओ रानीगंज सर्वेश सिंह भी पुलिस बल के साथ प्रभावित क्षेत्र में पहुंच गए और घायलों को अस्पताल भेजवाया, साथही बाधित रास्ते को खुलवाया।