खतरे की ओर बढ़ रहा गंगा-यमुना का पानी, यमुना ने पकड़ी रफ्तार
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). गंगा (Ganga) और यमुना के जलस्तर में बीते 24 घंटे के दौरान एक मीटर से ज्यादा का इजाफा हुआ है। यमुना (Yamuna) में पानी के बढ़ने की रफ्तार कुछ ज्यादा है। बुधवार देर रात तक दोनों नदियों का पानी निचले इलाकों में काफी अंदर तक पहुंच गया था। जिस अनुपात में गंगा और यमुना में पानी की ब़ढ़ोत्तरी हो रही है, उससे यही प्रतीत हो रहा है कि यदि यह बढ़त जारी रही तो शीघ्र ही दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाएगा।
बुधवार की शाम छह बजे फाफामऊ में जलस्तर 83.03 मीटर (खतरे का निशान (DL-84.73 m), छतनाग में 82.73 मीटर (DL-84.73 m) और नैनी में यमुना का जलस्तर 83 मीटर पहुंच गया था। नैनी में खतरे का निशान 84.73 मीटर पर है। इस दौरान दो घंटे में फाफमऊ में चार सेंटीमीटर, छतनाग में 11 सेंटीमीटर और नैनी में 13 सेंटीमीटर पानी बढ़ा। पिछले 24 घंटे के दौरान लगभग एक मीटर पानी के बढ़ने से गंगा के कछारी और शहर के निचले इलाकों में अफरातफरी के साथ-साथ दहशत का भी माहौल है।
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शहर में दारागंज, छोटा बघाड़ा, सलोरी, शिवकुटी, गंगानगर, पीतांबरनगर, बेली गांव, गौसनगर, रसूलाबाद, जोंधवल आदि इलाकों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। लोग अपने लिए सुरक्षित ठांव की तलाश में लग गए हैं। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने भी अपनी तैयारियों में इजाफा कर दिया है। 98 बाढ़ राहत चौकियों पर लगातार लोगों की निगरानी की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ऐक्टिव है। इसके अलावा हेल्थ कैंप का भी आयोजन किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने बाढ़ राहत शिविरों की संख्या 12 से बढ़ाकर 15 कर दी है। इसके अलावा एनडीआरएफ की 36 सदस्यीय टीम भी प्रयागराज पहुंच चुकी है।
इस बार यमुना नदी में गंगा की अपेक्षा ज्यादा पानी आ रहा है। अपनी सहायक नदियों केन, बेतवा और चंबल की वजह से यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। राजस्थान के कोटा से चंबल 12 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से चंबल भी उफान पर है। बुधवार की रात आठ बजे यमुना का नैनी में जलस्तर 83 मीटर के आंकड़े को पार कर गया। फाफामऊ में गंगा का जलस्तर रात आठ बजे 83.08 मीटर पर पहुंच गया था। बाढ़ से निपटने केलिए जिला प्रशासन लगातार तैयारियों को परख रहा है। लगातार मीटिंग की जा रही है, साथ ही साथ व्यवस्थाओं की मानीटरिंग के लिए अलग से टीमें काम कर रही हैं।
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बाढ़ की वजह से दर्जनों गांवों का संपर्क कटाः गंगापार में गंगा की बाढ़ से झूंसी इलाके में स्थित बदरा सोनौटी समेत कई गांवों का संपर्क कट गया है। इसी तरह यमुना के बाढ़ से यमुनापार में भी कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ का असर सिर्फ प्रयागराज में ही नहीं है, बल्कि समीपवर्ती जनपद कौशांबी में भी इसकाव्यापक असर देखने को मिल रहा है। कौशांबी के पिपरहटा गांव का संपर्क टूट चुका है। चकपिनहा के रपटा के ऊपर से पानी बह रहा है। लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए लोग अपने लिए सुरक्षित ठिकाने की तलाश में जुट गए हैं। यहां पर पिपरहटा, मल्हीपुर, नंदा का पुरवा समेत आधा दर्जन गांव बाढ़ की जद में हैं। इसके अलावा तराई में की गई खेती भी पूरी तरह से जलमग्न हो गई है।
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