पक्का पुल बनाने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन में जुटे कोनियावासी, जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सौंपा
भदोही (संजय मिश्र). पांच दशक से पक्के पुल की बाट जोह रहे कोनिया वासियों ने आज जोरदार तरीके से धरना प्रदर्शन किया। गंगा के कछारी एरिया में आबाद कोनिया जिले के विकास खंड डीघ ब्लाक में पड़ती है। यहां के डेंगुरपुर-धनतुलसी घाट (Dengurpur-Dhantulsi Ghat) पर लंबे समय से पक्का पुल बनाए जाने की मांग की जा रही है, लेकिन यह मांग अभी तक पूरी नहीं हो पाई। वैसे तो यहां के लिए पीपा का पुल बनाया जाता है, लेकिन बरसात के दिनों (15 जून) में यह पुल खोल दिया जाता है, जिससे स्थानीय लोगों की दुश्वारियां और बढ़ जाती हैं।
इस समस्या से परेशान कोनिया के लोगों ने बड़ी संख्या में जुट कर किया धरना प्रदर्शन। प्रदर्शन के दौरान कोनियावासियों ने कहा कि गंगा नदी के डेंगुरपुर- धनतुलसी घाट पर पक्का पुल निर्माण के लिए पिछले कई दशक से प्रयत्न किया जा रहा है। धनतुलसी में प्रस्तावित स्थल पर पक्का पुल निर्माण के लिए जो रूपरेखा है, उसे बताते हुए कोनिया वासियों ने कहा कि धनतुलसी से अपस्ट्रीम साइड में लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 2 जीटी रोड शास्त्री पुल प्रयागराज में पक्का पुल बना हुआ है और डाउनस्ट्रीम साइड मिर्जापुर की तरफ लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर मिर्जापुर में शास्त्री ब्रिज पक्का पुल बना हुआ है।
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अब तक उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोनिया जैसे पिछड़े इलाके पर कोई ध्यान नहीं दिया है। कोनिया की जनता ने इस ओर भी ध्यान आकृष्ट कराया कि इस पुल के अभाव में लाखों स्थानीय लोग भदोही से प्रयागराज, मिर्जापुर, सोनभद्र, एमपी, बिहार, झारखंड से जुड़ने में बड़ी परेशानी का सामना कर रहे हैं। कोनिया धनतुलसी का यह पक्का पुल बन जाने से जहां उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की दूरी कम हो जाएगी, वहीं दोनों प्रदेशों का व्यापारिक संबंध बढ़ेगा। पर्यटन के स्थिति से भी देखा जाए तो विंध्याचल, सीतामढ़ी, सेमराधनाथ, हरिहरनाथ जैसे तमाम पौराणिक स्थलों का जुड़ाव भी हो जाएगा।
कोनिया में पक्का पुल निर्माण होने से लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी जो जनमानस को तय करनी पड़ रही है, उससे निजात तो मिलेगी ही, साथ ही तमाम रोजगार के अवसर भी खुलकर सामने आएंगे बेरोजगारों को रोजगार का अवसर भी प्राप्त होगा।
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प्रदर्शन के दौरान लोगों ने कहा कि कोनिया को पिछड़ेपन से बाहर निकालने के लिए यह पक्का पुल अति आवश्यक है। जल्द इसका निर्माण नहीं होता तो वृहद स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। आज के धरना प्रदर्शन में जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन दिया गया, जिसमें 30 दिन की अवधि तय की गई है। यदि 30 दिन के अंदर शिलान्यास नहीं कराया जाता तो कोनिया की जनता जिला मुख्यालय पर बड़ा आंदोलन करेगी।
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गौरतलब है कि जब शासन के जनप्रतिनिधि अपने चुनाव के दौरान भदोही में प्रचार-प्रसार करते हैं तो कोनिया में पक्के पुल को जरूर अपने चुनावी एजेंडे में शामिल करते हैं, लेकिन जैसे ही चुनाव बीत जाता है, पक्के पुल की बात ठंडे बस्ते में चली जाती है। कोनिया का यह पक्का पुल बन जाने से संयुक्त जनपदों का, प्रदेशों का आर्थिक, सामाजिक और व्यापारिक विकास होगा। तीन तरफ से घीरे हुए कोनिया क्षेत्र को सुरक्षा भी मिलेगी, आवागमन के साधन भी उपलब्ध हो सकेंगे।
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इस अति आवश्यक कार्य के लिए जहां 2017 में केंद्रीय परिवहन मंत्री ने सार्वजनिक रूप से गोपीगंज के रामलीला मैदान में कहा था। सन 2018 में सीतामढ़ी में उस समय के सांसद रहे वीरेंद्र सिंह मस्त ने भी शिलान्यास की घोषणा की थी। विधानसभा चुनाव के पूर्व जिले में हरिहरनाथ मंदिर पर आए डिप्टी सीएम केपी मौर्य (तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री) ने धनतुलसी घाट पर पक्के पुल निर्माण की फाइल स्वीकृत करने की बात कही थी।
विधानसभा चुनाव में भी 2022 में उपमुख्यमंत्री के रूप में केपी मौर्य ने पक्के पुल की घोषणा की थी। सीता समाहित स्थल में 2022 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, भाजपा सांसद रवि किशन शुक्ल ने भी सार्वजनिक रूप से पक्के पुल निर्माण की स्वीकृत व शिलान्यास की बात कही थी।