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हरितालिका तीजः महिलाओं ने निर्जला व्रत रह पति के दीर्घायु की कामना की

सुहागिनों और युवतियों ने की महादेव व पार्वती की पूजा-अर्चना

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). करवा चौथ से भी कठिन व्रत हरितालिका तीज अथवा तीज का पर्व आज पूरी श्रद्धा के साथ पूरे जनपद में मनाया जा रहा है। व्रती सुहागिनों और युवतियों ने अखंड सौभाग्य की कामना की। मंदिरों और घरों में शिव-पार्वती की विधि-विधान से पूजा की गई। कुछेक स्थानों पर घरों में महादेव के साथ पार्वती और गणेश की भी पूजा की जाती है।

मान्यता है कि यह व्रत सबसे पार्वती ने महादेव को अपने वर के रूप में पाने के लिए रखा था। उसी के बाद से हरितालिका तीज का निर्जला व्रत चलन में आया। यह व्रत करवा चौथ से भी कठिन होता है, क्योंकि करवा चौथ में सुहागिन महिलाएं शाम के समय जल ग्रहण कर व्रत तोड़ देती हैं, लेकिन निर्जला तीज का व्रत अगले दिन सुबह स्नान-ध्यान के बाद ही तोड़ा जाता है।
हरितालिका तीज के मौके पर महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव, माता पार्वती एवं भगवान श्रीगणेश की पूजा अर्चना कर पति के दीर्घायु एवं घर परिवार में सुख शांति एवं समृद्धि की कामना की। कन्याओं ने भी व्रत रख कर मनोवांछित वर की कामना की।

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सुहागिनों और कुंवारी युवतियों ने पति की दीर्घायु के लिए 24 घंटे का निर्जला व्रत रखा। यमुनापार के घूरपुर, जसरा, बारा, लोहगरा व शंकरगढ़ के पुरानी बाजार, सदर बाजार, लाइनपार, सिंधी टोला, शिवराजपुर, नारीबारी आदि इलाकों में शाम से ही सुहागिन महिलाओं ने सिंगार कर विधि विधान के साथ शिव पार्वती का पूजन-अर्चन किया। इस अवसर पर महिलाओं ने कई तरह की डिजाइनर मेहंदी लगाई। गीत गाया और मां पार्वती व महादेव की पूजन अर्चन कर कहानी सुनाई। हरितालिका तीज को लेकर जनपद की बाजारों में भी अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिली। मिट्टी से बने भगवान शिव, पार्वती और गणेश की मूर्तियों की अच्छी-खासी डिमांड रही। फूल की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ देखी गई।

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