रात के दूसरे पहर से ही लगने लगी थी डुबकी, चप्पे-चप्पे पर तैनात रहे सुरक्षाकर्मी
प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने भी भ्रमण कर लिया व्यवस्थाओं का जायजा
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). माघ मेले के प्रथम स्नान पर्व मकर संक्रांति (15 जनवरी) पर देश के कोने-कोने से आए 20.90 श्रद्धालुओं ने संगम व गंगा के विभिन्न घाटों पर डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विभिन्न विभागों की टीमें अलग-अलग मोर्चों पर तैनात रहीं, इसके अलावा उच्चाधिकारी निरंतर भ्रमण करते नजर आए।
माघ मेला क्षेत्र में अपने बिछड़ने वाले लोगों के लिए खोया-पाया केंद्र से लगातार एनाउंस कर उनके स्वजनों से मिलाया गया। श्रद्धालुओं के आवागमन की सुविधा को देखते हुए आने-जाने के अलग-अलग मार्ग बनाए गए थे, साथ ही सभी चौराहों पर पुलिस कर्मियों के साथ प्रशासनिक कर्मियों व अन्य संगठनों के लोगों को लगाया गया था।
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मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, पुलिस आयुक्त रमित शर्मा, मेलाधिकारी विजय किरण आनंद, एसएसपी मेला डा. राजीव नारायण मिश्र, जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल, प्रभारी अधिकारी माघ मेला दयानंद प्रसाद, एडीएम मेला विवेक चतुर्वेदी समेत अन्य अधिकारी निरंतर भ्रमण करते रहे।
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दोपहर तक 16.3 लाख कर चुके थे स्नानः माघ मेले के प्रथम स्नान पर्व (मकर संक्रांति) पर सुबह 10:00 बजे तक लगभग 8.7 लाग लोग स्नान कर चुके थे। जबकि 12 बजे तक 12.5 लाख और दोपहर दो बजे तक यह संख्या बढ़कर 16.3 लाख हो गई थी। दूरदराज से आने वाले लोग सांझ ढलने के पूर्व तक गंगा में डुबकी लगाते नजर आए। इस दौरान मेलाधिकारी विजय किरण आनंद व जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने पुलिस अधिकारियों के साथ मेला प्राधिकरण के आईसीसीसी केंद्र से की जा रही मेले की निगरानी का जायजा लिया।
त्रिवेणी हास्पिटल में देखे गए 531 मरीजः माघ मेला में आने वाले स्नानार्थियों की सुविधा के लिए बनाए गए हास्पिटल में दिनभऱ मरीज देखे गए। त्रिवेणी हास्पिटल के द्वारा क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर लगाई गई ओपीडी में कुल 531 लोगों ने सेहत की जांच करवाई। इसके अलावा हास्पिटल में 17 लोग सेहत की जांच करवाने आए। इन मरीजों में तीन ऐसे भी थे, जिन्हे प्राथमिक उपचार देकर आगे के लिए रेफर किया गया। इस दौरान 16 मरीजों की अलग-अलग जांच भी की गई। संगम नोज पर स्थित शिविर में कुल 143 मरीज, अक्षयवट में 84, अरैल में 70, परेड ग्राउंड के शिविर में 114, संगम लोअर मार्ग पर 20, समुद्रकूप में 62, अन्नपूर्णा-4 के शिविर में आठ, अन्नपूर्णा-5 के शिविर में 21 और ओल्ड जीटी रोड के शिविर में 15 मरीज देखे गए।