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बचपन से लेकर आज तक हम चीतों को किताबों में और टीवी चैनलों पर या फिर प्रदर्शनियों में देखते आए हैं। देश की एक बहुत बड़ी आबादी को यह भी नहीं पता था कि भारत में चीते हैं ही नहीं। अब से 70 बरस पहले ही भारत की धरती से आखिरी चीतों का शिकार कर लिया गया था। उसके बाद से भारत की यह पुण्य धरा चीतों की रफ्तार देखने को तरस गई थी। हालांकि इस दौरान देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने भी इस धरा पर चीतों की वापसी का प्रयास किया, लेकिन चीतों को लाया नहीं जा सका।
चीतों से महरूम भारत में इनके पुर्नस्थापन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने प्रयास शुरू किया। 2014 से ही शुरु हुआ यह प्रयास साल 2022 में रंग लाया और शुक्रवार की शाम (16 सितंबर 2022) को बोइंग 747 से नामीबिया से आठ चीतों ने भारत के लिए उड़ान भरी। यह विशेष शनिवार को सुबह ग्वालियर एयरपोर्ट पर पहुंचा और उसके बाद चिनूक हेलीकाप्टर से इन्हे मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क लाया गया। नामीबिया से लाए गए इन आठ अफ्रीकी चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बाड़े में छोड़ दिया।