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शी जिनपिंग की ताजपोशी से पहले चीन में 16 लाख से अधिक लोग नजरबंद

नई दिल्ली (the live ink desk).  चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) की राष्ट्रपति बनने की सारी तैयारियां जोरों से चल रही है। तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। चीन की राजधानी बीजिंग की सड़कों पर भी इसका अक्स दिखाई पड़ रहा है। किसी भी तरह के विरोध-प्रदर्शन को दबाने के लिए सड़कों पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People’s Liberation Army) के जवानों की तैनाती की गई है।

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उल्लेखनीय है कि चीन के राष्ट्रपति (president of china) को तीसरी बार सत्ता सौंपने के लिए नेशनल कांग्रेस की राष्ट्रीय परिषद की बैठक चल रही है। जो एक हफ्ते के लगभग चलेगी। यह बैठक 5 साल में एक बार होती है। बैठक में चीनी राष्ट्रपति (president of china) को तीसरी बार राष्ट्रपति बनाने पर मुहर लग सकती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बैठक में इस चीज पर भी मुहर लग सकती है कि चीनी राष्ट्रपति जब तक वह चाहें राष्ट्रपति बने रह सकते हैं।

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मालूम हो कि चीन में अब तक 16 लाख से अधिक लोगों को गिरफ्तार या नजरबंद किया जा चुका है। अधिकारियों ने ऐसे किसी भी व्यक्ति के बीजिंग में प्रवेश करने पर रोक दी है, जिसने किसी भी कोरोनावायरस से संक्रमित इलाकों की यात्रा की है। इसके साथ ही लोगों के पहचान पत्र की भी जांच की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक यह प्रतिबंध तब तक जारी रहेगा, जब तक राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) की ताजपोशी का कार्यक्रम समाप्त नहीं हो जाता।

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मौजूदा 23वीं नेशनल कांग्रेस की बैठक में ही राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अतिरिक्त कई महत्वपूर्ण नेताओं की ताजपोशी की जाएगी। अपने 10 वर्षों के शासन के दौरान शी जिनपिंग ने हर तरीके से चीन में हर- विरोधी आवाज को कुचलने का प्रयास किया है। माओत्से तुंग के बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) चीन के सबसे शक्तिशाली राष्ट्रपति के रूप में दुनिया के सामने आए हैं।

जिनपिंग के कार्यकाल में चीन में मानवाधिकारों का बड़े पैमाने पर हनन हुआ है और विरोधियों की आवाज को कुचल दिया गया है। इन सबके बीच 10 लाख से ज्यादा वीगर मुसलमानों को कैद करके रखा गया है और इन वीगर (उइगर) मुसलमानों के साथ घोर प्रताड़ना, अत्याचार किया जा रहा है।

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