The live ink desk. भारतीय अर्थव्यवस्था उस दौर (साल 1991) की भी साक्षी है, जब हमारा विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) जीरो पर पहुंच गया था। वैश्विक महामारी कोविड-19 के पश्चात जहां विश्व की कई अर्थव्यवस्थाएं संकट के दौर में हैं, वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार रिकार्ड बना रही है।
मौजूदा समय में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 666.85 अरब डालर पर पहुंच गया है। 12 जुलाई को समाप्त हफ्ते के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में 9.70 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है। यह सर्वकालिक रिकॉर्ड उच्चतम स्तर है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को जारी किए अपने आंकड़ों में बताया कि 12 जुलाई को समाप्त हफ्ते में हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 9.70 अरब डॉलर उछलकर रिकॉर्ड अबतक के उच्चतम स्तर 666.85 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। पिछले हफ्ते (12 जुलाई तक) में कुल विदेशी मुद्रा भंडार 5.16 अरब डॉलर बढ़कर 657.15 अरब डॉलर पर पहुंचा था।
विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाले विदेशी मुद्रा आस्तियां 8.36 अरब डॉलर बढ़कर 585.47 अरब डॉलर हो गईं हैं। स्वर्ण भंडार का आरक्षित मूल्य 1.23 अरब डॉलर बढ़कर 58.66 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। RBI के मुताबिक, विशेष आहरण अधिकार (SDR) भी 7.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.11 अरब डॉलर हो गया।
रिजर्व बैंक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास भारत की आरक्षित जमा 3.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.61 अरब डॉलर हो गई है। गौरतलब है कि विदेशी मुद्रा भंडार का इससे पहले का उच्चतम स्तर 655.82 अरब डॉलर रहा था, जो अब तक के रिकॉर्ड स्तर 666.85 अरब डॉलर पर पिछले हफ्ते पहुंच गया।