भारत ने उठाया समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद और वैश्विक चुनौतियों का मुद्दा
नई दिल्ली (the live ink desk). भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनएससी) की अध्यक्षता करते हुए साल 2022 की अंतिम बैठक में समुद्र की सुरक्षा, आतंकवाद और अन्य वैश्विक चुनौतियों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया है। मालूम हो कि भारत दिसंबर महीने की संयुक्त राष्ट्र संघ की अध्यक्षता कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को संबोधित करते हुए भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा, हमने शांति, सुरक्षा और समृद्धि के समर्थन में बातचीत की। हम मानवता के सभी के दुश्मन आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाने में कभी भी पीछे नहीं हटे। हम जानते हैं कि जब हमने सुरक्षा परिषद में अपनी बात रखी तो वह एक अरब, 40 लाख लोगों बात की।
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रुचिरा कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत पर बात करते हुए कहा, हम सभी अच्छी तरह जानते हैं कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव समय की मांग है। यह विश्वास हमारे कार्यकाल के बाद और मजबूत हुआ है और इसे बल मिला है। उन्होंने कहा इस कार्यकाल के बाद सुरक्षा परिषद से बाहर जाने के बाद हम सहमत हैं कि जितना बदलाव का विरोध होगा, उतना ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के फैसले के अप्रासंगिक होने का और विश्वसनीयता खत्म होने का खतरा बढ़ जाएगा।
उल्लेखनीय है कि भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यूएनएससी में आगामी 31 दिसंबर को अस्थाई सदस्यता खत्म हो रही है। इसी कड़ी में मेक्सिको, नार्वे, आयरलैंड और केन्या के प्रतिनिधियों ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित किया। इन सभी देशों का कार्यकाल भी 2 साल का था। जो दिसंबर महीने के अंत में खत्म हो जाएगा। कुल मिलाकर समय-समय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विस्तार और इसमें अनेकानेक सुधार की जरूरत महसूस की जाती रही है, क्योंकि दुनिया की कई समस्याओं के लिए यह संघ कुछ भी नहीं कर पाया है।
जम्मू-कश्मीर का मामला, इजराइल-फिलिस्तीन विवाद और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी अनेक वैश्विक समस्याएं संयुक्त राष्ट्र संघ आज तक नहीं हल कर पाया है, इसीलिए इसके ऊपर समय-समय पर प्रश्नचिन्ह लगते रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इसका गठन हुआ था। अपने गठन के बाद से आज तक यह ज्यादा कुछ नहीं कर पाया है, इसीलिए भारत सुरक्षा परिषद के विस्तार और बदलाव की बात करता रहा है।