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पुतिन और किम जोंग उन की ‘दोस्ती’ चीन क्यों हद में रखना चाहेगा

सुबह के तीन बजे एयरपोर्ट पर गर्मजोशी से गले लगना, घुड़सवार सैनिकों का गार्ड ऑफ ऑनर देना, राजधानी प्योंगयांग के बीच राष्ट्रपति पुतिन और किम जोंग की बड़ी-बड़ी तस्वीरें एक साथ दिखाई देना. ये सब पश्चिम को परेशान के करने के लिए किया गया था.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साल 2000 में पहली बार उत्तर कोरिया की यात्रा की थी. इतने लंबे समय के बाद यह यात्रा दोनों देशों के लिए किसी मौक़े की तरह थी कि वे अपनी दोस्ती को दुनिया के सामने बढ़ा-चढ़ा कर दिखाएं.

सिर्फ़ दिखावे भर की बात नहीं रही. उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग ने घोषणा की कि वे यूक्रेन युद्ध में रूस का पूरी तरह से समर्थन करते हैं.

इन शब्दों और इस मुलाक़ात में दक्षिण कोरिया, अमेरिका और यूरोपीय संघ को बहुत बड़ा खतरा दिखाई दे रहा है.

हालांकि सच यह है कि दोनों नेताओं को लगता है कि उन्हें एक दूसरे की ज़रूरत है. पुतिन को युद्ध जारी रखने के लिए गोला-बारूद चाहिए, वहीं उत्तर कोरिया को पैसों की ज़रूरत है.

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