अवधराज्य

हिंदवः सोदरा: सर्वे,  न हिंदू पतितो भवेत्, मम दीक्षा हिंदू रक्षा…

विहिप ने मनाया 60वां स्थापना दिवस, जिलाध्यक्ष ने कहा- अगर हम बंट जाएंगे तो कट जाएंगे

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). विश्व हिंदू परिषद का 60वां स्थापना दिवस कार्यकर्ताओं ने धूमधाम के साथ मनाया। स्थापना दिवस समारोह के चीफ गेस्ट अश्विनी ने कहा कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी 1964 के पावन पर्व पर विश्व हिंदू परिषद की स्थापना हुई थी।

1969 के संत सम्मेलन में सभी धर्म के आचार्यों ने मिलकर कहा था कि “हिंदवः सोदरा: सर्वे,  न हिंदू पतितो भवेत्। मम दीक्षा हिंदू रक्षा, मम मंत्र: समानता”, इसका मतलब सभी हिंदू भाई हैं और कोई भी हिंदू पतित नहीं हो सकता। हिंदुओं की रक्षा करना मेरी दीक्षा है और समानता मेरा मंत्र है।

पूज्य महंत अवैद्यनाथ एवं पूर्व रामचंद्रजी महाराज के साथ विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके स्व. अशोक सिंघल ने 1994 में काशी के डोमराजा के घर में भोजन ग्रहण किया था। नौ नवंबर, 1989 को कामेश्वर चौपाल के हाथों से श्रीराम जन्मभूमि का शिलान्यास हुआ और प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर 130 परंपराओं व मत, पंथ, संप्रदाय, भाषा एवं चारों दिशाओं से लोगों सहभागी हुए।

जिलाध्यक्ष नित्यानंद उपाध्याय ने सभी हिंदुओं को एक होने की अपील की और बोले अगर हम बंट जाएंगे तो कट जाएंगे। यदि हम एकजुट हो जाएंगे तो नये हिंदुस्तान का निर्माण होगा।

जिला धर्म प्रसार प्रमुख राजकुमार ने कहा कि कार्यकर्ताओं, हिंदू परिवारों और संगठनों में समरसता भाव,  स्वभाव एवं आचरण होना चाहिए। विहिप द्वारा चलाए जा रहे हजारों सेवा केंद्रों के द्वारा अनुसूचित जाति, अनु जनजाति, वंचित समाज के लाखों लोग लाभांवित हो रहे हैं। पुजारी-अर्चक-पुरोहितों के प्रशिक्षण में अनुसूचित जाति व जनजाति समाज की सहभागिता रही है।

विशेष रूप से तमिलनाडु में विहिप द्वारा कई कार्य किए जाते हैं, जिसमें गोवंश की रक्षा करना, धर्म परिवर्तन को रोकना और गांव-गांव में सत्संग का आयोजन किया जाता है। जिला मिलान केंद के आदर्श ने कहा कि षष्ठीपूर्ति के उपलक्ष्य में हम समरसता का संकल्प पुनः दोहराते हैं। समस्त हिंदू समाज एक स्रोत में बंधकर भारत माता के गौरव को विश्व में पुन स्थापित करे।

आतंकवादियों ने मंदिरों पर दागे राकेट

जिला गो रक्षा प्रमुख विजय शंकर ने कहा कि विहिप के चिन्ह बरगद का पेड़ है। यानी जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है। यहां धर्म का मूल अर्थ किसी व्यक्ति की आत्मा के मूल कर्तव्य से है, न कि किसी धर्म विशेष से है।

जिला सहमंत्री मनोज कहा कि जब 2002 में आंतकवादियों ने मंदिरों में बम बरसाया और रॉकेट लांचर दागा, लेकिन मंदिर को कुछ नहीं हुआ। आज भी वह रॉकेट लांचर, बम वहां गिरे हुए हैं। आतंकवादियों ने बोला था कि यहां पर अमरनाथ यात्रा नहीं होने देंगे।

बजरंग दल ने की अमरनाथ यात्रा की शुरुआत

2004 में मुंबई में बजरंग दल के अधिवेशन में निर्णय लिया गया कि यात्रा बजरंग दल लेकर जाएगा। बजरंग दल ने पूरे हिंदुस्तान में अपने कार्यकर्ताओं को बोला कि हमें बाबा अमरनाथ चट्टानी की यात्रा करनी है। पूरे हिंदुस्तान से कार्यकर्ताओं ने अमरनाथ यात्रा की शुरुआत की, जो अब हर वर्ष की जाती है, जिसकी सुरक्षा सरकार द्वारा किया जाता है। वहां के हिंदू देखकर खुश होते हैं।

जिला प्रचार प्रमुख ने अशोक सिंघल के बारे बताया कि अशोक सिंघल का जन्म 15 सितंबर, 1926 को आगरा में हुआ था। उनके पिता सरकारी दफ्तर में कार्य करते थे। 1942 में राष्ट्र संघ से जुड़े और उन्होंने 1950 में बनारस हिंदू विश्व इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) से धातु कर्म में इंजीनियरिंग पूरी की।

देश में आपातकाल और संघ पर प्रतिबंध

इसके बाद नौकरी न करके समाजसेवा को चुनाव। उन्होंने उत्तर प्रदेश के आसपास की जगहों में आरएसएस के लिए लंबे समय तक कार्य किया। 1975 से 1970 तक देश में आपातकाल और संघ पर प्रतिबंध  रहा।

इधर, अशोक सिंघल ने इंदिरा गांधी की तानाशाही के विरोध संघर्ष में लोगों को एकजुट किया और 1981 में डॉक्टर कर्ण सिंह के नेतृत्व में दिल्ली में एक विराट हिंदू सम्मेलन किया। 1984 में दिल्ली के विज्ञान भवन में एक धर्म संसद का आयोजन किया गया। अशोक सिंघल इसके मुख्य संचालक थे। यहीं पर राम जन्मभूमि आंदोलन रणनीति तय की गई।

देशभर से जुटाए गए 50 हजार कारसेवक

यहीं सिंघल ने पूरी योजना के साथ कारसेवकों को लेकर पूरे देश में 50 हजार कार सेवक जुटाए। सभी कारसेवकों ने राम जन्मभूमि पर राम मंदिर स्थापना करने की कसम प्रमुख नदियों के किनारे खाई और 1992 में विवादित ढांचा तोड़ने वाले कारसेवकों का नेतृत्व किया। इस आयोजन में सभी प्रखंड शंकरगढ़, नारीबरी, जसरा अध्यक्ष के अलावा प्रमोद, बालेंद्र, हिमांशु, नगर अध्यक्ष राजू, विभाग रक्षा प्रमुख सुशील, सुजीत, उपाध्यक्ष कृपाशंकर, यमुनापार संगठन मंत्री सुभाष, विवेक, धर्मेंद्र,   शिवदत्त, राजू भदौरिया, पीयूष मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button