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माता-पिता ने जिस बेटी को मरा बताया वह ग्रेटर नोएडा में सकुशल मिली

भदोही पुलिस की सूझबूझ से साजिश से उठा पर्दा, परिजनों के खिलाफ झूठी साजिश रचने, गलत सूचना देने के संबंध में केस दर्ज

भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी). गोपीगंज पुलिस ने शनिवार को अपहरण के एक झूठे मामले से पर्दा उठाया है। मामले की जानकारी देते हुए एसपी डा. अनिल कुमार ने बताया कि एक नाबालिग के अपहरण और शव बरामदगी के प्रकरण में गहनता से की गई जांच में मामला पूरी तरह से फर्जी पाया गया है। नाबालिग ग्रेटर नोएडा में रह रही थी। जबकि उसके परिजनों ने यहां पर कुएं से बरामद एक शव को अपनी बेटी का शव बताया था। पूरे मामले की असलियत समझने के लिए पुलिस ने शिनाख्त करने वाले माता-पिता का डीएनए भी जांच के लिए लैब भेजा था। अब, रहस्य से पर्दा उठने के बाद पुलिस ने वादी पर ही झूठे आरोप लगाने, गलत साक्ष्य प्रस्तुत समेत कई अन्य मामलों में केस दर्ज कर लिया है।

एसपी ने बताया कि 16 मई, 2022 को गोपीगंज थाना क्षेत्र के सीखापुर के रहने वाले श्यामकिशोर पांडेय पुत्र रंगलाल पांडेय ने तहरीर देकर आरोप लगाया कि उनकी नाबालिग पुत्री (उम्र 17 वर्ष) 14 मई को शौच के लिए निकली थी, वापस घर नहीं लौटी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने धारा 363 का केस दर्ज कर जांच शुरू की। इसी दरम्यान 27 मई, 2022 को ग्राम मोहनपुर के सिवान (थाना क्षेत्र ऊंज) में एक कुएं से अज्ञात लड़की का शव वरामद हुआ।

उक्त बरामद शव को श्याम किशोर पांडेय आदि ने अपनी नाबालिग बेटी का शव बताया। इस मामले में वादी श्यामकिशोर पांडेय ने रंजिशन अपने विपक्षियों विष्णु कहार पुत्र रामचंद्र (निवासी कस्तूरीपुर, थाना सुरियावां) और प्रदीप कुमार पुत्र मेहीलाल सेठ (निवासी चकमांदाता, थाना गोपीगंज) को नामजद करते हुए तहरीर दी।

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एसपी डा. अनिल कुमार ने बताया कि कुएं से बरामद शव पूरी तरह से पहचान में नहीं आ रहा था। लिहाजा, संदेह होने पर और मृतका की सही पहचान के लिए उसके माता पिता के डीएनए परीक्षण मिलान की प्रक्रिया शुरू हुई और माता- पिता का ब्लड नमूना लेकर विधिविज्ञान प्रयोगशाला गोरखपुर भेजा गया।

इधर, प्रभारी निरीक्षक गोपीगंज सदानंद सिंह के द्वारा उक्त मामले की तह तक पहुंचने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे। इसी क्रम में उपरोक्त घटना से जुड़ी तथाकथित अपहृता के बारे में जानकारी मिली। पता चला कि वह जीवित है और ग्रेटर नोएडा में रह रही है। इसके बाद 24 मार्च, 2023 को नाबालिग की फोटो का मिलान करवाया और नाबालिग को नोएडा से सकुशल बरामद कर लिया। इसके बाद उसे भदोही लाया गया।

पूछताछ के दौरान तथाकथित अपहृता ने बताया कि वह काफी दिनों से अपने माता-पिता के संपर्क में थी। इस दौरान उसके माता-पिता उसे पुलिस से बचने के तरीके भी बता रहे थे। साजिश रचने वाले परिजनों ने कुछ लोगों का नाम भी अपनी तथाकथित अपहृत और मृतक बेटी को रटाया था।

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एसपी डा. अनिल कुमार ने बताया कि नाबालिग बेटी के फर्जी अपहरण और मौत के संबंध में परिजनों के द्वारा आशीष पांडेय, ललित पांडेय, प्रदीप सेठ, डान मलिया, विष्णु कहार, बाबा मिश्र के खिलाफ भी अपहरण और बनारस हाईवे पर अपहरण की साजिश रची गई थी। फिलहाल नाबालिग की बरामदगी के बाद उपरोक्त मुकदमे में तथाकथित अपहृता/मृतका उपरोक्त की बरामदगी व साक्ष्य संकलन के आधार पर आरोपीगण (उपरोक्त) की नामजदगी गलत पाई गई। 

फिलहाल इस मामले में श्यामकिशोर पांडेय पुत्र रंगलाल और पत्नी गीता देवी पत्नी श्यामकिशोर पांडेय के खिलाफ सुसंगत धाराओं में विधिक कार्यवाही की जा रही है। इस पूरे मामले का खुलासा करने वाली टीम में एसआई शाबान, रमेशप्रताप सिंह, कांस्टेबल शेराफुल हसन, महिला कांस्टेबल मनीषा, रीमा यादव भी शामिल रहीं।

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