16 साल में तीन पार्टी बदलने वाले ‘नंदी’ को अखर रहा रईसचंद्र का भाजपा में आना!
सूबे के कैबिनेट मिनिस्टर ने कहा- कुछ लोग पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चलाना चाहते हैं
लखनऊ (the live ink desk). साल 2007 से राजनैतिक पारी की शुरुआत करने वाले नंदगोपाल गुप्ता (Nandgopal Gupta Nandi) को सपा नेता रईसचंद्र शुक्ल (Raischandra Shukla) का भाजपा (BJP) में आना काफी अखर रहा है। बता दें कि एक दिन पहले ही रईसचंद्र शुक्ल (Raischandra Shukla) ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) की मौजूदगी में (प्रयागराज में) भाजपा का दामन थामा है। हालांकि अपना हित-अहित देखते हुए नेताओं का पार्टी बदलना लगा रहता है। जब भी कोई चुनाव नजदीक होता है, हाशिए पर फेंक दिए जाने वाले नेता अपनी पार्टी बदलने में देर नहीं लगाते हैं। यह फेरबदल कई नेताओं को खूब सूट करती है।
50 पैसे में महाभारत दिखाकर कमाई की शुरुआत करने वाले कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल गुप्ता के जीवन की कहानी संघर्षों से भरी रही है। साल 2007 में उन्होंने बसपा के साथ अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की। इलाहाबाद साउथ से वह बसपा के टिकट पर विधायक बना। इस चुनाव में उन्होंने जो शपथपत्र दिया था, उसके मुताबिक नंदी के पास 15 करोड़ की सपंत्ति थी। इसके एक दशक बाद 2016-17 उनकी (चुनावी शपथपत्र में) संपत्ति में कई गुना इजाफा हो गया। बहरहाल, 2007 में बसपा के टिकट पर विधायक बनने वाले नंद गोपाल गुप्ता नंदी को 2012 के विस चुनाव में सपा प्रत्याशी हाजी परवेज अहमद टंकी से हार का सामना करना पड़ा।
2012 की हार के बाद नंदगोपाल गुप्ता ने साल 2014 में कांग्रेस में छलांग लगाई और 2014 में कांग्रेस ने उन्हे इलाहाबाद लोकसभा सीट का प्रत्याशी बना दिया। लेकिन, लोकसभा चुनाव में नंदी को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद मौजूदा भाजपा सरकार के कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल गुप्ता ने अपनी पत्नी अभिलाषा गुप्ता नंदी के साथ साल 2017 में भाजपा का दामन थाम लिया। इसके बाद नंदी के भी भाजपा में शामिल होने पर विरोध-प्रदर्शन हुआ था।
2017 में मोदी लहर में नंदगोपाल गुप्ता का पार्टी बदलना फायदेमंद साबित हुआ और वह चुनाव जीत गए। इसके बाद साल 2022 में भी नंदी को जीत मिली। भाजपा में वह दोनों बार मंत्री भी बनाए गए। विशुद्ध रूप से व्यापारिक दृष्टिकोण वाले नंदगोपाल गुप्ता ने इस दौरान अपना कारोबार खूब फैलाया। नंदी ग्रुप आफ कंपनीज के जरिए वह कई कंपनियों के मालिक भी बने। संपत्ति में लगातार इजाफा होता गया।
16 साल में तीन पार्टी बदलने वाले नंद गोपाल गुप्ता को अब सपा नेता रईसचंद्र शुक्ल का भाजपा में आना काफी अखर रहा है। शनिवार (22 अप्रैल, 2023) को डिप्टी सीएम केशवप्रसाद मौर्य ने रईसचंद्र शुक्ल को भाजपा में शामिल करवाया। रईसचंद्र शुक्ल समेत कई अन्य नेताओं के भाजपा ज्वाइन करने के कुछ देर बाद ही मीडिया में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की प्रतिक्रिया आ गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नंदी ने कहा, रईसचंद्र शुक्ल को भाजपा में लाना गहरी साजिश है। स्थानीय विधायक होने के नाते उनसे न तो पूछा गया और न ही बताया गया। नंदी ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कुछ लोग पार्टी (भाजपा) को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में चलाना चाहते हैं, जो पार्टी के लिए फायदेमंद नहीं होगा।