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बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओः बेटियों को भी स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहन की जरूरत

शिक्षा का जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। यह शिक्षा ही है जो हमें एक साधारण जीव से इंसान और असाधारण व्यक्तित्व प्रदान करती है। शिक्षा हम सभी को अच्छे निर्णय लेने के योग्य बनाती है। समस्या को सुलझाने, तार्किक क्षमता का विकास करती है और क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसमें भी दक्ष बनाती है। इसलिए शिक्षा सभी के लिए जरूरी है, चाहे वह लड़का हो या लड़की।

पुरुष प्रधान में शिक्षा की जितनी जरूरत पुरुष वर्ग को है, उतनी ही जरूरत महिलाओं अर्थात बेटियों को भी है। शिक्षा महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाती है। यह लिंग के आधार पर भेदभाव को रोकने में भी मदद करती है। शिक्षा महिलाओं को जीवन के मार्ग पर आगे बढ़ने का पहला कदम है, जिस पर वह आगे बढ़ती हैं।

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एक शिक्षित महिला में कौशल, सूचना, प्रतिभा और आत्मविश्वास होता है, जो उसे एक बेहतर मां, कर्मचारी और देश का निवासी बनाती है। महिलाएं हमारे देश की आबादी का लगभग आधा हिस्सा हैं। देश के विकास के लिए दोनों की भागीदारी अति आवश्यक है।

एक सुशिक्षित और सुशोभित लड़की देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। शिक्षित महिलाओं की वजह से बाल मृत्यु दर का जोखिम कम होता है। शिक्षित महिलाएं अपने समुदाय को योगदान देने और समृद्ध करने में मदद करती है। महिलाएं जो शिक्षित होती हैं, वे दूसरों में शिक्षा को बढ़ावा देने की क्षमता रखती हैं।

शिक्षा में बालिकाओं की रुचि बढ़ाने के लिए सरकारी और निजी नेतृत्व महत्वपूर्ण है। बालिका शिक्षा, शैक्षिक नीतियों का एक प्रमुख फैक्टर है। सरकारी नीतियों और योजनाओं के सही क्रियान्वयन से लड़कियों की शिक्षा को नई दिशा मिली है। शिक्षा में बालिकाओं का रुझान बढ़ाने के लिए नेतृत्वकर्ता की भूमिका महत्वपूर्ण है। लड़कियों को स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित करने और उन्हें एक शैक्षिक अनुभव प्रदान करने के लिए पूरे समाज को आगे आने की जरूरत है।

ग्रामीण क्षेत्र में बालिकाओं की शिक्षा के लिए काफी योजनाएं चलाई जा रही है। स्कॉलरशिप की मदद से उनकी शिक्षा से संबंधित चीजें आसान होती जाएंगी। माता-पिता को लड़कियों को शिक्षा के गुणों और लाभों के बारे में बताने की बहुत जरूरत है। यह न केवल सरकार का कर्तव्य है बल्कि हमारे चारों ओर के लोगों की भी जिम्मेदारी है।

सबसे अच्छी बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांवों में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ (Beti Bachao Beti Padhao) अभियान के माध्यम से लड़कियों की शिक्षा के लिए एक बहुत अच्छी पहल की है। यदि हम अपने देश को विकसित करना चाहते हैं तो हमें सभी लड़कियों को शिक्षित बनाना होगा।

लेखिकाः नीलम सिंह, उच्च प्राथमिक विद्यालय, बारीगांव, औराई, भदोही।

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