पूर्वांचलराज्य

बंदरों का आतंकः बाहर नहीं निकल रहे बच्चे, ताले में रखना पड़ रहा खाना-पानी

भदोही (संजय सिंह). हाल के वर्षों मेंजिस हिसाब से जंगल और बाग-बगीचों की कटान हुई, बंदरों की जमात आबादी वाले क्षेत्रों में आ गई। शुरुआत में एक-दो बंदर आते-जाते रहे,अब तो बंदरों का झुंड आने लगा है, जो घरों में घुसकर खाना निकाल लेता है। फ्रीज खोल लेता है और डंडा दिखाने पर काटने केलिए भीदौड़ाता है।

विकास खंड डीघ के गांव बिरनई के ग्रामीण इन दिनों बंदरों का आतंक से खासे परेशान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बंदरों के आतंक से बच्चे घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। छत पर लगे टीवी की छतरी के तार को तोड़ रहे हैं। मौका मिलते ही बंदरों का झुंड घरों में घुस जाता है और जो भी खाद्य सामग्री या बर्तन खुला मिलता है, उसे लेकर भाग जाते हैं।

इससे इतर, सब्जी की खेती करना मुश्किल हो गया है। पशुओं को खिलाने और दूध निकलते समय हमेशा भय बना रहता है कि कहीं से आकर बंदर हमला न कर दे। विद्यालय खुलने के कारण बच्चों को विद्यालय भेजने में भी भय सता रहा है। बिरनई में बंदरों के हमले मेंकई बच्चे घायल होचुके हैं। कुछ दिन पूर्व शिवधनी उपाध्याय पर बंदरों ने घावा बोल दिया। बिरनई में इस समय सैकड़ों बंदर डेरा डाले हुए हैं और यह समस्या एक वर्ष से बनी हुई है। ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया है।

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