पकड़ा गया आदमखोर भेड़ियों के झुंड का चौथा कातिल, दो अभी भी आजाद
लखनऊ. सूबे के बहराइच जिले में बीते दो महीने से अधिक समय से आदमखोर (नरभक्षी) भेड़ियों का आतंक बना हुआ है। वन विभाग की लगातार आदमखोर भेड़ियों की तलाश में है। दर्जनभर टीमें लगाई गई हैं। 200 से ज्यादा वन कर्मी भेड़ियों की तलाश में लगे हुए हैं। ड्रोन कैमरे से भी निगहबानी की जा रही है।
इसी के फलस्वरूप वन विभाग ने आज एक आदमखोर भेड़िये को पकड़ लिया है। यह भेड़िया महसी तहसील में पकड़ा गया है। वन विभाग के डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने बताया है कि आदमखोर भेड़ियों का जो झुंड बच्चों का शिकार कर रहा है, उसमें से यह चौथा भेड़िया है, जिसे वन विभाग की टीम ने पकड़ा है।
गौरतलब है कि अभी तक आदमखोर भेड़ियों ने आठ लोगों को अपना शिकार बनाया है, जिसमें 7 बच्चे और एक महिला शामिल है। एक बच्चे का शव नहीं मिलने से उसके जानवर द्वारा मारे जाने की पुष्टि नहीं हो पाई है। फिलहाल उत्तर प्रदेश के वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ प्रभावित इलाकों का दौरा किया था।
वन विभाग की टीम ड्रोन कैमरा और ट्रैंकुलाइजर गन के साथ तकरीबन दो महीने से भेड़ियों के झुंड को पकड़ने में लगी है। 17 अप्रैल को भेड़िए के द्वारा पहली बार आदमी के ऊपर हमला किया गया था। इसके बाद से पिछले दो महीने में 26 लोगों को आदमखोर भेड़ियों ने हमला कर घायल किया है। बहराइच के 30 गांवों में आदमखोर भेड़ियों का आतंक लगातार बना हुआ है।
बहराइच के रेंज अधिकारी मोहम्मद साकिब ने बताया है कि तीन भेड़िए पहले ही पकड़े जा चुके हैं, जिसमें दो को चिड़ियाघर भेज दिया गया है। वहीं एक भेड़िया हार्ट अटैक से मर गया था। आदमखोर भेड़ियों के झुंड को पकड़ने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बाराबंकी और कतर्नियाघाट टाइगर रिज़र्व के डीएफओ को भी लगा रखा है।
इस मामले में मुख्य वन संरक्षक (मध्य क्षेत्र) रेणु सिंह ने कहा, “बहुत दिनों से यहां (बहराइच में) भेड़ियों का आतंक था। आज हमने एक भेड़िए को पकड़ लिया है। हम उसे जू में ट्रांसफर करेंगे। अभी तक चार भेड़िये पकड़े जा चुके हैं। अभी दो भेड़िए बचे हैं, जिनको पकड़ने की तैयारी की जा रही है।”