सुल्तानपुर. 28 अगस्त को सराफा की दुकान पर हुई डकैती के मामले में वांछित चल रहे एक लाख के इनामिया बदमाश मंगेश यादव की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई। यह मुठभेड़ देहात कोतवाली क्षेत्र के मिश्रपुर पुरैना के पास हाईवे के किनारे हुई। डकैत मंगेश यादव समीपवर्ती जौनपुर जनपद के अगरौरा का निवासी था।
सुल्तानपुर में हुई इस डकैती के प्रकरण में तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। कोतवालीनगर के ठठेरी बाजार में स्थित ओम आर्नामेंट की दुकान में हुई डकैती में 1.4 करोड़ के जेवरात व नगदी लूटी गई थी। UPSTF के साथ हुई इस मुठभेड़ की एसपी सोमोन वर्मा ने मंगेश यादव के मौत की पुष्टि की है।
सुल्तानपुर पुलिस के मुताबिक डकैती कांड में वांछित चल रहे इनामिया मंगेश यादवके मूवमेंट की खबर लगने पर पुलिस ने घेराबंदी की। कोतवाली देहात के मिश्रपुरपुरैना में की गई घेराबंदी देख बदमाश मंगेश यादव ने फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश की।
इस पर पहले से एलर्ट पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और गोली की चपेट में आने से मंगेश गंभीर रूप से घायल हो गया। इलाज केलिए उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित करदिया। मौके से पुलिस ने एक 32 बोर की पिस्टल, 315 बोर का तमंचा, एक बाइक आदि बरामद किया है।
इस मुठभेड़ के दौरान मंगेश के साथ रहा एक अन्य साथी मौके से भागने में सफल रहा। मंगेश यादव पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। यूपीएसटीएफ (UPSTF) के साथ हुई मुठभेड़ की सूचना मिलते ही उच्चाधिकारी मौके पर पहुंच गए।
बताते चलें कि तीन दिन पहले इसी डकैती कांड के तीन बदमाशों सचिन सिंह, पुष्पेंद्र सिंह और त्रिभुवन उर्फ लाला हरिजन को गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी भी एक मुठभेड़ के दौरान की गई थी।
दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद अखिलेश यादव ने इस मुठभेड़ पर सवाल ख़ड़े किए हैं। अखिलेश यादव ने एक्स पर एक लंबी-चौड़ी पोस्ट लिखी है। अखिलेश ने लिखा है कि डकैती में शामिल लोगों का सत्तापक्ष से संपर्क था। इसीलिए नकली एनकाउंटर से पहले मुख्य आरोपी को सरेंडर करा दिया गया और अन्य के पैरों में दिखावटी गोली मारी गई और जात देखकर जान ली गई।
लिखा- जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर करद या है तो लूट का सारा मालभी वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवजा अलग से देना चाहिए, क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है, उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है।