प्रयागराज (राहुल सिंह). चिटफंड कंपनियों के द्वारा ठगी का शिकार हुए जमाधारकों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप अविलंब भुगतान की मांग की। जिलाधिकारी को प्रेषित ज्ञापन में ठगी पीड़ितों ने कहा, संसद ने वर्ष 2019 में अनियमित जमा पाबंदी योजना कानून सन 2019 (द बैनिंग आफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम एक्ट-2019) बनाकर ठग का शिकार हुए लोगों को बड़ी राहत दी।
इस एक्ट के द्वारा चिटफंड कंपनियों में डूबी हुई जमा राशि को पीड़ित आवेदक को 180 दिन में दो से तीन गुना वापस दिलाने का कानूनी अधिकार दिया था।
ज्ञापन में बताया गया कि देशभर के साथ-साथ प्रयागराज में टोगो रिटेल मार्केटिंग लिमिटेड, जियो शाइन माइन लिमिटेड, पेट्रान मिनरल मेंटल लिमिटेड, पीएसीएल, रोज वैली, आस्था, शालीन सिटी, वेयर्ड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, प्रयास मारकाम लिमिटेड, प्रिज्म इंफ्रा काम लिमिटेड, सहारा इंडिया, वियर्ड इंडस्ट्रीज के नाम से हजारों परिवारों का पैसा जमा करवाया गया।
किसानों, मजदूरों ने मेहनत की कमाई इन कंपनियोंमें जमा की है। बाद में जब कंपनियों का असली चेहरा सामने आया तो भारत सरकार ने इस तरह की तीन लाख कंपनियों पर ताला लगाया। इसके बाद से इन कंपनियों में निवेशकों के करोडों रुपये फंस गए।
बार-बार आवेदन करने के पश्चात भी जिला प्रशासन व सक्षम अधिकारी द्वारा वापस भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिस वजह से लाखों परिवारों के समक्ष भूखों मरने की स्थिति बन गई है और निवेशकों एवं पुलिस के द्वारा अभिकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है।
अधिनियम की धारा 7 के अनुसार राज्य सरकारों को यह अधिकार है कि प्रत्येक जनपद के सक्षम अधिकारी (वित्त फाइनेंस) के द्वारा ऐसी ठग कंपनियों की संपत्तियों की कुर्की करके निवेशकों का भुगतान कराएं। यहां तक कि पुनर्भुगतान की निगरानी के लिए नामित न्यायालय (फास्ट ट्रैक कोर्ट) का भी प्रावधान है।
ठगी पीड़ितों की आवाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामलखन पाल, जिलाध्यक्ष देवीदीन पाल ने ज्ञापन सौंपते समय अनुरोध किया कि अधिनियम की धारा 8 के तहत राज्य सरकार के सक्षम अधिकारी संपत्तियों की कुर्की के बाद वसूली कर जमा कर्ताओं का पुनर्भुगतान कराएं। इस मौके पर सैकड़ों निवेशक मौजूद रहे।