अवध

प्राथमिक विद्यालय कुकुरहटाः स्कूल है या ग्रामीणों का स्टोर रूम!

ग्रामीणों के लिए स्टोर रूम बन गया प्राथमिक विद्यालय कुकरहटा
कई स्थानों पर लगा पुआल, लकड़ी, उपली, घरेलू सामानों का ढेर
शौचालय की हालत जर्जर, बाउंड्री वाल भी जगह-जगह से क्षतिग्रस्त

प्रयागराज (राहुल सिंह). प्राथमिक विद्यालय कुकुरहटा अव्यवस्था और बदइंतजामी का शिकार हो गया है। जगह-जगह ग्रामीणों के द्वारा घरेलू सामानों का ढेर लगा दिया गया है। शौचालयों का कोई पुरसाहाल नहीं है। बाउंड्री वाल जगह-जगह से क्षतिग्रस्त है। परिसर में लगा इंडिया मार्का हैंडपंप चलाकर पानी पीने में सांस फूल जाती है। कक्षा से एक पांच तक की कक्षा वाले इस विद्यालय में तीन टीचर, एक शिक्षामित्र की तैनाती की गई है, लेकिन बच्चों की संख्या महज 50-60 के बीच है। इस विद्यालय को देखने के बाद सहसा यह यकीन नहीं होता कि यहां कक्षाएं भी चलती होंगी।

विकास खंड कोरांव का प्राथमिक विद्यालय कुकुरहटा आबादी के नजदीक ही स्थित है। कक्षा के अनुसार विद्यालय परिसर में कई कमरे बने हैं। अलग-अलग शौचालय बनाए गए हैं। हैंडपंप के साथ-साथ रनिंग वाटर की भी व्यवस्था की गई है, लेकिन यह सारी व्यवस्थाएं ऐसी हैं। लेकिन शौचालय बच्चों के लिए बंद है। रनिंग वाटर की टोंटी सूखी पड़ी है। कुछ शौचालयों में स्थानीय लोगों का पुआल, लकड़ी, मिट्टी का चूल्हा इत्यादि रखा गया है।

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अंदर चलने के लिए बिछाई गई सोलिंग जगह-जगह से उखड़ गई है। हैंडपंप चलाकर पानी पीने में हाथ दर्द करने लगता है। कुल मिलाकर सरकारी सिस्टम की बदइंतजामी का इससे बढ़िया नमूना दूसरी जगह देखने को नहीं मिलेगा। अव्यवस्थाओं की भरमार वाले इस स्कूल में तो बाउंड्रीवाल है और न गेट। खेलकूद की भी कोई व्यवस्था नहीं की गी है। पूर्व में बनाए गए शौचालयों में ग्रामीणों ने लकड़ी, गगरी इत्यादि का ढेर लगा रखा है। एक नया शौचालय बन भी रहा जो आज तक पूरा नहीं हो सका। उस पर भी ग्रामीणों का कब्जा है।

शीघ्र बनेगी बाउंड्रीवाल, शौचालयः बीईओ
इस मामले में बीईओ कोरांव रिजवान अहमद से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बाउंड्री वाल के लिए बीडीओ कोरांव से लिखापढ़ी की गई है। कुछ बजट ब्लाक में आया है। शीघ्र ही बाउंड्रीवाल बनवाई जाएगी। इसके अलावा ग्रामीणों द्वारा किए गए कब्जे को हटवाकर केस दर्ज करवाया जाएगा। शौचालय को फिर से क्रियाशील करवाया जाएगा। बताया कि यहां पर लगभग पांच दर्जन बच्चों पर चार शिक्षक (एक शिक्षामित्र) हैं। शीघ्र ही विद्यालय की व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। फिलहाल अब देखना यह है कि बीईओ कोरांव के द्वारा कही गई बातें कब तक यथार्थ में परिवर्तित होती हैं।

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