प्रयागराज से तय की जाती थी आजादी के आंदोलन की दशा-दिशाः शिपू गिरि
आजादी का अमृत महोत्सवः स्वतंत्रता सेनानी सुभद्रा कुमारी चौहान पर आधारित प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी का आयोजन
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). हिन्दुस्तानी एकेडमी, राजकीय पाण्डुलिपि पुस्तकालय, संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में स्वतंत्रता सेनानी सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन पर प्रदर्शनी और संगोष्ठी का आयोजन किया गया। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित स्वतंत्रता सप्ताह के तहत गांधी सभागार में आयोजित कार्यक्रम का आगाज सीडीओ शिपू गिरि, एकेडमी के सचिव देवेंद्र प्रताप सिंह ने किया।
इस अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव के क्रम में स्वतंत्रता आंदोलन में ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रतिबंधित एवं राष्ट्रभक्ति गीतों को संकलित कर एकेडमी से प्रकाशित पुस्तक आजादी के तराने नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि इंजी हर्षवर्धन वाजपेयी ने कहा कि 2047 में आजादी का 100वां वर्षगाँठ मनाया जाएगा, तब हम पूर्ण विकसित देशों की श्रेणी में आ गए होंगे।
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कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए विशिष्ट अतिथि सीडीओ शिपू गिरि ने कहा कि प्रयागराज कला, संस्कृति, शिक्षा का केंद्र रहा है। यहीं से आजादी के आंदोलन की दिशा तय की जाती थी। स्वतंत्रता सेनानी सुभद्राकुमारी चौहान के काव्य में राष्ट्रीय चेतना विषयक संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डॉ. कल्पना वर्मा ने कहा कि ‘सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताओं में राष्ट्रीय चेतना पूर्णतः समाहित है। यह उन्हें अपने पिता से विरासत में मिली थी। उनकी रचनाओं में जो ओज है, वह जन समूह में लोकप्रिय हो कर वह रहा है।
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डॉ. अलका प्रकाश ने कहा कि ‘अपनी ओजपूर्ण कविताओं के लिए सुभद्रा कुमारी चौहान सदैव याद की जाएंगी। उन्होंने मंच पर पुरुष वर्चस्व को तोड़ा। कहा कि एक स्त्री को अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए दुगुनी प्रतिभा की आवश्यकता होती है। वक्ता डॉ. सरिता शुक्ला ने कहा कि सुभद्रा कुमारी चौहान ने महिलाओं में राजनीतिक चेतना और परंपराओं में नहीं सांस्कृतिक चेतना के साथ ही राजनीतिक व्यंग्य चेतना को भी उजागर किया।
संचालन एकेडमी की प्रकाशन अधिकारी ज्योतिर्म और धन्यवाद ज्ञापन अपराजिता सिंह (क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी) ने किया। कार्यक्रम में गुलाम सरवर (क्षेत्रीय पाण्डुलिपि अधिकारी) परिश्चंद्र दुबे डॉ. श्लेष गौतम, डॉ. अरुण कुमार त्रिपाठी, श्रीकांत मिश्र, डॉ. प्रभाकर त्रिपाठी, श्याम सुन्दर सिंह पटेल, डॉ.शकिरा तलत, डॉ रामनरेश पाल, राकेश कुमार वर्मा, विकास यादव, शैलेंद्र यादव मौजूद रहे।
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