अवध

होली के दिन खदान में डूबे युवक का शव दूसरे दिन मिला

एसडीआरएफ की टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से अथाह गहराई से किया बरामद

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). होली के दिन स्नान के लिए खदान में उतरे युवक का शव दूसरे दिन बरामद किया जा सका। यह मामला यमुनानगर के बारा थाना क्षेत्र के रूम गांव का है। हादसे के बाद स्थानीय गोताखोरों के साथ-साथ एसडीआरएफ ने तलाशी अभियान चलाया और होली के दूसरे दिन, दूसरे पहर तकरीबन दो बजे शव को बरामद किया जा रहा। थानाध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर चीरघर भेज दिया गया है। दूसरी तरफ होली के दिन हुए इस हादसे के पूरे परिवार में मातम पसरा हुआ है।

बताते चलें कि बारा थाना क्षेत्र के रूम गांव में पत्थरों के खनन से एक विशालकाय गहरा गड्ढा बन गया है। पत्थर की खुदाई के बाद बना यह गड्ढा अर्थात खदान कई फीट गहरी है। बताया जाता है कि होली के दिन रूम ग्रामसभा का श्यामबाबू आदिवासी उर्फ जंगली (32) पुत्र स्व. छेदीलाल नहाने के लिए उक्त खदान में गया था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक नहाने के दौरान वह गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा। श्यामबाबू को डूबता देख मौके पर मौजूद लोगों ने पानी में छलांग लगाकर उसे बचाने की भरसक कोशिश की, लेकिन कामयाबी हाथ नहीं आई।

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इसके बाद मामले की सूचना होते ही ग्रामीण और रोते-बिलखते परिजन मौके पर पहुंच गए। खबर मुकामी पुलिस को दी गई। इस पर बारा थानाध्यक्ष अनिल कुमार और नारीबारी चौकी प्रभारी संतोष सिंह भी मयफोर्स पहुंच गए और स्थानीय गोताखोरों की मदद से श्यामबाबू की तलाश शुरू कीगई। नारीबारी चौकी प्रभारी ने बताया कि सफलता नहीं मिलने पर एसडीआरएफ की मदद ली गई।

एसडीआरएफ की टीम ने यहां पहुंचकर तलाशी अभियान चलाया और घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद स्थानीय मछुआरों के सहयोग से श्यामबाबू का शव बरामद किया। जैसे ही श्यामबाबू का शव बाहर लाया गया, परिजन दहाड़े मारकर रोने लगे।

थानाध्यक्ष बारा अनिलकुमार ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर चीरघर भेज दिया गया है। मामले में आगे की विधिक कार्यवाही की जा रही है। बताया जाता है कि इस खदान का निर्माण स्थानीय हाईवे के निर्माण में लगी फर्म दिलीप बिल्डकान द्वारा पत्थर खनन के दौरान किया गया था। काफी गहराई तक पत्थर का उत्खनन किए जाने से खदान काफी गहरी हो गई है। इसमें अथाह पानी है। सपाट मैदान पर स्थित यह खदान कभी भी गंभीर हादसे का कारण बन सकती है। आए दिन मवेशी इसका शिकार होते रहते हैं। क्षेत्रीय लोगों ने खदान के चारों तरफ बैरीकेडिंग करवाने और मौके पर दुर्घटना से बचाव के लिए एक संकेतक बोर्ड लगवाए जाने की भी मांग की है।

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