पिछड़ों को अगड़ा बनाने के लिए जीवन पर्यंत संघर्षरत रहे बाबा साहबः निर्मल सिंह
एसएलबी इंटर कालेज याद किए गए विलक्षण प्रतिभा के धनी डा. भीमराव अंबेडकर
प्रयागराज (आरके सिंह). विलक्षण प्रतिभा के धनी, नौ भाषाओं के जानकार और समाज के पिछड़े तबके के लिए जीवन पर्यंत कार्य करने वाले बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती आज धूमधाम से मनाई गई। जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीणांचल तक विविध आयोजन हुए। स्कूलों में सार्वजनिक अवकाश के बावजूद जयंती कार्यक्रम आयोजित किए गए। एसएलबी इंटर कालेज चनैनी (करछना) में भी बाबा साहब को याद किया गया।
कालेज के प्रबंधक निर्मल सिंह ने बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए नमन किया। निर्मल सिंह ने कहा, डा. भीमराव अंबेडकर जातिप्रथा, ऊंच-नीच व भेदभाव जैसी प्रथाओं के वह सदैव खिलाफ में खड़े रहे। इसके लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया। समाज में निम्न दर्जा प्राप्त करने वाले लोगों को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए उन्होंने कानून बनाने में अहम योगदान दिया। सामाजिक सुधार को लेकर वह जीवनभर प्रयत्नशील रहे। समाज में छुआछूत की प्रथा, भेदभाव के लिए उन्होंने आजादी के पहले ही काफी प्रयास किया था।
प्रबंधक ने कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान निर्माता के रूप में जाना जाता है। उन्होंने दलित समाज के उत्थान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नौ भाषाओं के ज्ञाता डा. अंबेडकर को मरणोपरांत वर्ष 1990 में भारत रत्न सम्मान दिया गया। उनकी जयंती पर सार्वजनिक अवकाश रखा जाता है। निर्मल सिंह के अलावा अन्य साथी शिक्षकों ने बाबा साहब के संघर्षमयी जीवन पर रोशनी डालते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य, अध्यापक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी समेत सैकड़ों बच्चे मौजूद रहे।