आवारा मवेशियों के लिए खेत बचे न खलिहान, सड़क ही एकमात्र स्थान!
कोरांव क्षेत्र में स्थापित गोशालाओं में क्षमता से अधिक मवेशी संरक्षित
नई गोशाला के लिए राजस्व विभाग से मांगी गई है जमीनः बीडीओ
प्रयागराज (राहुल सिंह). यमुनापार के कोरांव में क्षेत्र में जिस भी सड़क पर जाइएगा, आवारा मवेशी ही पाइएगा। सड़क पर आवारा घूमने वाले इन बेजुबानों के लिए न तो खेत-खलिहान बचे और न ही इनका पालन करने वाले। पहले के समय में हर घर में, छोट ही सही एक गोशाला होती थी। लोग गाय को माता मानकर सेवा करते थे। घर में दूध-घी की जरूरत पूरी होती थी और खेतों को गोबर की खाद मिलती थी।
बदलते समय ने इंसान की जरूरत क्या बदली, इंसान की पूरी फितरत ही बदल गई। इंसानों के द्वारा माता के रूप में पूजी जाने वाली गाय आज गली-गली घूम कचरा खाने को विवश है। हाल के वर्षों में उपजी इस समस्या से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने भरसक प्रयास किया। स्थाई और अस्थाई गोशालाओं की स्थापना करवाई। केयरटेकर रखा। चारे-पानी का प्रबंध किया, पर मवेशियों की संख्या इतनी ज्यादा है कि सरकारी गोशालाएं भी कम पड़ने लगीं।
कोरांव में आवारा मवेशियों के लिए बनाई गई गोशालाएं भी क्षमता से ऊपर चल रही हैं। खंड विकास अधिकारी कोरांव धीरेंद्र सिंह कहते हैं कि गोशाला निर्माण के लिए राजस्व विभाग सेजमीन की दरकार है। जमीन मिलते ही नई गोशाला का निर्माण करवा दिया जाएगा।
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बीडीओ ने कहा कि आसपास जितनी भी गोशालाएं हैं, वह क्षमता से अधिक भरी हैं। इसलिए यह समस्या उत्पन्न हुई है। आज के समय में कोरांव क्षेत्र के खीरी बाजार, लेड़ियारी, रत्योरा, बड़ोखर, महुली, कोरांव कस्बा, देवघाट आदि प्रमुख बाजारों में रोड पर मवेशियों का झुंड बैठा रहता है। इससे आए दिन हादसे भी होते रहते हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत रात के समय लोगों को वाहन चलाने में होती है।
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बाइक सवार अचानक सेसामने आने वाले वाहनों से खुद को बचा नहीं पाते। लेड़ियारी बाजार के रामलीला ग्राउंड में भी दर्जनों की संख्या में मवेशी डेरा डाले मिल जाएंगे। लेड़ियारी पुलिस बूथ के पास की भी यही स्थिति है।
दूसरी तरफ आवारा मवेशियों से खेती को बचाने के लिए अधिकतर किसानों ने बाड़ लगा रखी है। कुछ किसान झटका मशीन (सिर्फ झटका देने वाली इलेक्ट्रानिक मशीन) का भी सहारा ले रहे हैं। ऐसे में यह मवेशी खेतों की तरफ भी रुख नहीं कर रहे हैं।
गौरतलब है कि बीते रविवार को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवारा मवेशियों के संरक्षण के संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं। योगी आदित्यनाथ ने निराश्रित गोवंश को गो संरक्षण केंद्रों तक पहुंचाने, चारे-पानी की व्यवस्था करने, स्वास्थ्य की जांच कराने का निर्देश दिया है। उक्त के संबंध में अपर मुख्य सचिव (पशुधन) डा. रजनीश दुबे ने भी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कैटल शेड की मरम्मत कराने जैसे जरूरी कार्यों के लिए निर्देश जारी कर दिया है।