अवध

Fire brigade की अपीलः जलस्रोत के निकट बनाएं खलिहान, बीड़ी-चिलम की राख बुझाकर ही फेंकें

कलेक्ट्रेट परिसर में अग्निकांड से बचाव के लिए फायर मॉक ड्रिल का किया गया आयोजन

एडीएम ने आग से बचाव के संबंध में विस्तार से दी जानकारी, जागरुक करने का आह्वान

प्रतापगढ़ (हरिश्चंद्र यादव). गर्मी के दिनों में आग से होने वाले हादसों की संख्या कम करने के उद्देश्य से फायर एंड इमरजेंसी सर्विस (Fire brigade) के द्वारा जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं अग्निशमन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में कलेक्ट्रट परिसर में फायर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।

इस मॉक ड्रिल में आग से बचाव, सावधानियों के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई। गर्मी के दिनों में क्या करें, क्या न करें और आग लगने पर कैसे बचाव करें, पर पंफलेट बांटा गया।

अपर जिलाधिकारी (फाइनेंस) त्रिभुवन विश्वकर्मा ने मॉक ड्रिल में कहा कि ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए अग्निकांड से बचाव के निमित्त दी गई जानकारी को औरों के साथ साझा करें और लोगों को जागरुक करें। एडीएम ने अग्नि सुरक्षा एवं जीवन रक्षा के उपाय के संबंध में बताया कि हुक्का पीने के पश्चात् चिलम की आग को पूर्ण रूप से बुझाकर छोड़ें। जलती हुई बीड़ी के टुकड़े को पैर से कुचलकर और पूर्ण रूप से बुझाकर फेंकें।

खलिहान, तालाब के निकट या अन्य पानी के साधनों के निकट स्थापित कीजिए। पुआल व कंडों (उपली) के ढेर को पूर्ण रूप से सूख जाने पर निवास स्थान से कम से कम 100 फीट की दूरी पर लगाएं। चूल्हे की ईंधन की चिंगारी व गरम राख को पूर्ण रूप से ठंडा करके ही फेंके। घी व तेल की आग को बालू व मिट्टी से ढककर बुझाएं। गैस चूल्हे को हमेशा गैस सिलेंडर से ऊपर रखकर खाना बनाएं। लीकेज की दशा में हमेशा रेगुलेटर की नॉब बंद कर दें और ज्वलनशील सामग्री से दूर रखें।

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रात्रि में सोने से पहले गैस सिलेंडर की नॉब बंद करना न भूलें। फायर बिग्रेड को बुलाते समय घटना स्थल का सही पता, पानी का साधन, घटना स्थल से पानी की दूरी की सूचना अवश्य बताएं, ताकि आपात सेवा को समय से भेजा जा सके।

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उन्होंने भूकंप से बचाव के संबंध में बताया कि भूकंप आने की स्थिति में सबसे सुरक्षित स्थान खुले मैदान होते हैं जहां शरण लेना सुरक्षित होता है। भूकंप के झटके एक के बाद एक क्रमशः आ सकते है, अतः कुछ देर तक बाहर रूकने के बाद ही वापस भवन में प्रवेश करना चाहिए। भूकंप आने पर भवन से बाहर निकलने के लिए लिफ्ट का प्रयोग न करके सीढ़ियों का प्रयोग करें। लिफ्ट कभी भी खराब हो सकती है। बिजली के उपकरणों को बंद कर दें, अन्यथा बिजली के ट्रांसफार्मर खंभ आदि के गिरने पर शार्ट सर्किट से आपके भवन में आग लग सकती हैं।

भवन गिरने पर एलपीजी सिलेण्डर के फटने से विस्फोट होने की संभावना रहती है। भवन का निर्माण भूकंपरोधी होना चाहिये। भूकंप के दौरान यदि सड़क मार्ग से यात्रा कर रहे हैं तो गाड़ी को सड़क के किनारे रोक लेना चाहिए। यदि भूकंप आने पर भवन के गिरने से मलबे में फंस गए हैं तो साफ कपड़े या रूमाल से मुंह को ढक लें, ज्यादा धूल या गंदगी नाक में न जा पाए। इस अवसर पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी (Fire brigade) प्रभाकर पांडेय सहित जिला सूचना विज्ञान अधिकारी, शासकीय अधिवक्ता राजस्व, जिला आपदा विशेषज्ञ, आपदा लिपिक एवं अन्य कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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