अल्लाह की चौखट छोड़ने वाले को कहीं नहीं मिलता ठिकानाः मौलाना जीशान हैदर
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). रानीमंडी स्थित इमामबाड़ा, मिर्जा नक़ी बेग में सैय्यद अब्बास मेंहदी रिज़वी की मजलिस से तरहीम को खेताब करते हुए ईरान से आए मौलाना ज़ीशान हैदर ने कहा कि जो अल्लाह और अहलेबैत का दरवाज़ा छोड़ देता है, वह दर दर भटकता है। खुदा से अगर कुछ तलब करना हो तो दो रकाअत नमाज़ अदा करो।
मजलिस से पहले रज़ा इस्माइल सफवी व साथियों ने ग़मगीन मर्सिया से मजलिस का आग़ाज़ किया। वहीं मजलिस ए चेहल्लुम की मजलिस को खिताब करते हुए अनवारुल उलूम के उप प्रधानाचार्य व शिया धर्म गुरु मौलाना सैय्यद रज़ी हैदर ने मजलिस में हज़रत अब्बास और इमाम मेंहदी से जुड़े मरहूम के नाम पर तक़रीर करते हुए फौजे हुसैनी के अलमदार हज़रत अब्बास व आखिरी इमाम मेंहदी आखिरुज़्ज़मा की फजीलत बयान की। कहा, दुनिया व आखिरत को संवारना हो तो पैग़ंबर मोहम्मद के वसीले और अल्लाह की रस्सी थाम लो, जो सीधे खुदा तक लेकर जायगी।
उन्होंने फरमाया, अली के एक सजदे ने मुसलमानों के ईमान और इस्लाम को बचा लिया। मजलिस में बहलोले हिंद आफताबे निज़ामत शायरे अहलेबैत नजीब इलाहाबादी ने नियामत की तो ज़ैग़म अब्बास व अन्य ने मर्सियाख्वानी की। अंजुमन मज़लूमिया रानीमंडी के नौहाख्वान राजन अब्बास ने नौहा पढ़ा। अंजुमन के प्रवक्ता सैय्यद मोहम्मद अस्करी के अनुसार औरतों की मजलिस बशारत मंज़िल में हुई, जिसे मोहतरमा अतिया बाक़र ने खिताब किया। मोहतरमा शकीला ने मर्सिया व नौहा पढ़ा।